BJP Meeting: आगामी विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर बीजेपी पार्टी संगठन के स्तर पर बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है. जिसको लेकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष के बीच 2 दिनों में करीब 8 घंटे तक बैठक चली. इस दौरान चुनावी राज्यों में चुनाव प्रभारी नियुक्त करने समेत कई राज्यों के प्रभारी, प्रदेश अध्यक्षों और बीजेपी की केंद्रीय टीम में बड़े फेरबदल को लेकर चर्चा हुई.


सूत्रों की माने तो अगले कुछ दिनों में यह बदलाव देखने को मिल सकता है. बता दें कि इसी साल अक्टूबर में राजस्थान समेत मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने हैं. जबकि अगले साल मार्च महीने में लोकसभा चुनाव हो सकता है. विधानसभा चुनावों को देखें तो अब महज 3 महीने का ही समय बाकी रह गया है. हाल ही में कर्नाटक चुनाव के नतीजे पार्टी के हक में नहीं रहे. माना जा रहा है कि कर्नाटक चुनाव के नतीजे को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी काफी नाखुश थे. इसके पीछे कमजोर संगठन को माना जा रहा है. जिसके बाद से बड़े बदलाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है.


कई मुद्दों पर हुई चर्चा 


सूत्रों की मानें तो इसी क्रम में बीती रात करीब 9 बजे से 12 बजे तक बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, अमित शाह और बीएल संतोष के बीच लंबी बैठक हुई. आज यानी 6 जून को फिर से तीनों नेताओं ने करीब 5 घंटे तक मंथन किया. माना जा है कि इस बैठक में मध्य प्रदेश के अध्यक्ष पद पर नए चेहरे को कमान दिए जाने समेत कई अन्य राज्यों में अध्यक्ष पद पर बदलाव किया जायेगा. जबकि उत्तर प्रदेश, राजस्थान समेत कई अहम राज्यों के प्रभारी भी बदले जायेंगे.


बड़े स्तर पर हो सकता है फेरबदल


जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय संगठन में महासचिव स्तर पर कईयों के पत्ते साफ हो सकते हैं. कहा जा रहा है कि मौजूदा टीम में केवल तीन महासचिवों के काम से केंद्रीय नेतृत्व खुश है. जिसके चलते कई नए चेहरों को संगठन के सबसे अहम पद महासचिव के लिए मौका दिया जा सकता है. इसके लिए केंद्रीय कोषाध्यक्ष, सह कोषाध्यक्ष, राष्ट्रीय सचिव और प्रवक्ता पद पर बड़े स्तर पर फेरबदल किया जा सकता है. 


बड़े चेहरों को मिलेगी जिम्मेदारी


सूचना ये भी है कि केंद्र सरकार में शामिल दो बड़े-बड़े चेहरों को लोकसभा चुनाव के मद्देनजर संगठन में जिम्मेदारी दी जा सकती है. जबकि देश के दो बड़े राज्यों के उपमुख्यमंत्रियों को दो चुनावी राज्यों का प्रभार दिया जा सकता है. जबकि उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रहे दो नेताओं को केंद्रीय संगठन में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है. वहीं माना जा रहा है कि ये घोषणाएं अगले 8 से 10 दिनों के अन्दर आम सहमति से किए जा सकते हैं.


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