BJP Meeting: बीजेपी के ब्राह्मण नेताओं की बैठक में जमकर निकला गुस्सा, Brahmin समुदाय की नाराजगी को लेकर जानें किसने क्या बताया
BJP Meeting News: बीजेपी के उत्तर प्रदेश प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के घर पार्टी के वरिष्ठ ब्राह्मण नेताओं की बैठक हुई. इसमें तमाम ब्राह्मण नेताओं ने अपनी भड़ास और गुबार निकाला.
BJP Meeting: बीजेपी के उत्तर प्रदेश प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के घर बीजेपी के वरिष्ठ ब्राह्मण नेताओं की बैठक हुई है. बैठक में तमाम नेताओं ने अपनी भड़ास और गुबार निकाला. हालांकि, बैठक में शामिल गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी इस दौरान “सायलेंट मोड” में बैठे रहे. वहीं दो बड़े नेताओं ने ABP न्यूज़ को बताया कि ब्राह्मण समाज में नाराज़गी है. ब्राह्मणों का परशेप्शन चुनावों के लिए अच्छा नहीं माना जा सकता जिसको बदलने के लिए इस बैठक को बुलाया गया है.
आइये जानते हैं किस नेता ने बैठक में क्या कहा-
अलीगढ़ से सांसद सतीश गौतम ने कहा कि शराब कांड में एक व्यक्ति और उसकी पत्नी को जेल भेज दिया गया था. समाज का प्रतिष्ठित व्यक्ति था, वो ब्लॉक प्रमुख था, उसको जेल भेजा ठीक है उसकी लेकिन पत्नी को भी अवैध शराब बनाने में जेल भेज दिया. पत्नी को जेल भेजने से समाज में ग़ुस्सा है. बाद में पत्नी की जेल में मौत हो गई इसके बाद से समाज के लोग और ज़्यादा ग़ुस्से में हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि पत्नी को जेल भेजने की क्या ज़रूरत थी?
कानपुर से सांसद सत्यदेव पचौरी ने कहा कि, इस परसेप्शन के साथ काफ़ी दिक़्क़त है. उन्होंने कहा कि ब्राह्मणों की सुनवाई नहीं है, और क्या कह,… कई ब्राह्मण मंत्री ऐसे हैं जो ब्राह्मणों के ही काम नहीं करते हैं. उन्होंने ये बात उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा की तरफ़ इशारा कर के कही लेकिन दिनेश शर्मा चुप्पी साधे रहे. योगी सरकार में मंत्री ब्रजेश पाठक ने तुरंत कहा कि हमारे विभाग का मामला हो तो हमें बता दिया कीजिए दादा. आगे पचौरी ने कहा कि हमारी तो राजनीति हो गयी लेकिन आप लोग देखिए कैसे इससे निपटना है. समाज के लोगों में ग़ुस्सा तो है.
कन्नौज से सांसद सुब्रत पाठक ने कहा कि जब अखिलेश मुख्यमंत्री थे तब कलानिधि नैथानी कन्नौज एसपी थे और नैथानी ने उनकी बहुत पिटाई की थी. सरकार आने के बाद हमने शिकायत की तो उन्हें पहले लखनऊ फिर ग़ाज़ियाबाद और अब अलीगढ़ का पुलिस अधीक्षक बना दिया गया. उनको सजा देने के बजाय बड़े ज़िले में पोस्टिंग दी गई, क्यों? कार्यकर्ता की कोई सुनवाई नहीं है अफ़सरों का बोलबाला है.
ब्राह्मण समाज आहत है
योगी सरकार में मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि दिक़्क़त तो है, समाज में नाराज़गी है लेकिन अब हमें आगे बढ़ कर चुनाव में सभी को एक साथ आना होगा. गोरखपुर के रहने वाले और पूर्व वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला लगभग पूरे समय अजय मिश्रा टेनी की तरह मौन ही बैठे रहे. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे ने कहा कि समाज में बने परशेप्शन को लेकर मैं पहले भी कहता रहा हूं और इसक हल निकालने करने की ज़रूरत है.
नोएडा से सांसद डॉक्टर महेश शर्मा का भी यही कहना था कि वे भी मानते हैं कि ब्राह्मण समाज में नाराज़गी है. ये परशेप्शन बना हुआ है लेकिन ऐसा होना नहीं चाहिए. इलाहाबाद से सांसद बहुगुणा जोशी ने भी यही बात दोहराई.
योगी सरकार पर सवाल उठाते हुए बैठक में एक सदस्य ने कहा कि “बिकरु कांड” के बाद विकास दुबे के साथी अमर दुबे का एनकाउंटर हुआ. वो अपराधी था ठीक हुआ लेकिन उसकी दो दिन पहले जिस लड़की ख़ुशी दुबे से शादी हुई थी उसे क्यों जेल भेजा गया? वो आज तक जेल में है दो दिन पहले जिस लड़की की शादी हुई उसे हत्या के आरोप में जेल भेजने से ब्राह्मण समाज आहत है.
ब्राह्मणों की सुनी नहीं जाती
बस्ती के सांसद हरीश द्विवेदी ने कहा कि ब्राह्मण समाज में नाराज़गी की कई वजह हैं. ऐसा कहा जाता है कि उनकी सुनी नहीं जाती है. इसे अड्रेस करना चाहिए. बैठक में ये बात भी कही गयी कि अफ़सर नेताओं की सुनते नहीं हैं, कार्यकर्ता की सुनवायी नहीं होती है. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकान्त वाजपेयी ने कहा कि ब्राह्मण समाज में नाराज़गी को लेकर हमें गम्भीर राह कर इसे ख़त्म करने के प्रयास करने चाहिए.
ब्राह्मण समाज के नेताओं की इस बैठक में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्रा को भी बुलाया गया था. उन्होंने कहा कि सभी को अब समाज के गिले शिकवे दूर कर पार्टी के लिए चुनाव में जीत के लिए जुट जाना चाहिए. जीतेंगे तो सारी समस्यायें ख़त्म हो जाएगी.
कुल मिलाकर ब्राह्मण नेताओं की इस बैठक में सभी नेताओं ने जमकर अपना ग़ुस्सा और ग़ुबार निकाला. हाई बोल्टेज इस बैठक के बाद एक मंत्री ने कहा कि अब हम हल्का महसूस कर रहे हैं. ब्राह्मण समाज के प्रतिष्ठित लोगों से मिलकर उनका ग़ुस्सा भी बाहर निकाल लेंगे और उन्हें बताएंगे कि बीजेपी उनकी सबसे बड़ी हितैषी पार्टी है. पार्टी को उम्मीद है कि इस तरह से ब्राह्मण समाज के बीच एक अच्छा संदेश जाएगा कि उनके समाज के नेताओं की सुनी जा रही है और आगे भी सुनी जाएगी. इससे ब्राह्मण समाज में बने परशेप्शन को ख़त्म करने में मदद मिलेगी.