भोपाल: विवादास्पद नागरिकता कानून, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ देश में जगह-जगह लोग धरने पर बैठे हैं. कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने केंद्र सरकार के फैसले का विरोध किया है. इसी कड़ी में बीजेपी के अंदर से विरोध के स्वर सुनाई देने लगे हैं. मैहर से बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने सीएए के खिलाफ कड़ा तेवर रुख अपनाया है. उन्होंने अपनी पार्टी के फैसले पर मुखर रुख अपनाते हुए संविधान का हवाला दिया है.


बीजेपी के अंदर से सीएए का विरोध 


बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने कहा कि गांव में मुसलमान अब हमारी तरफ ताकते भी नहीं. उनका दावा है कि गांव से जुड़े होने के चलते उन्हें हालात की जानकारी है. उन्होंने आगे कहा, "हम अंबेडकर के बनाए संविधान पर अमल करें, इसका सम्मान करें या इसको फाड़ कर फेंक दें.


संविधान में कहा गया है कि मुल्क में धर्म की बुनियाद पर बंटवारा नहीं होगा. मगर इसके बाद भी ये बंटवारा किया जा रहा है. इससे तो एक बात साबित होती है कि आप या तो संविधान के साथ हैं या फिर संविधान के खिलाफ. आज आधार कार्ड बनवाने के लिए लोग भटक रहे हैं. तो क्या इतना कागज जमा करके नागरिकता का दस्तावेज बनवाना आसान होगा ?"


धर्म की बुनियाद पर बंटवारा गलत- बीजेपी विधायक


उन्होंने कहा कि मुल्क में एक तरह से घरेलू झगड़े के हालात बन गये हैं. एक दूसरे की तरफ लोगों ने देखना बंद कर दिया है. अपने गांव की मिसाल देते हुए उन्होंने बताया, "हमारे छोटे से गांव में भी मुसलमान रहते हैं. गांव के मुसलमान हमारी इज्जत करते थे मगर आज ये लोग हमें देखना पसंद नहीं कर रहे. जिस घर में, मोहल्ले में, सूबे में घरेलू झगड़े होंगे, वहां अमन-शांति कैसे संभव हो सकता है." त्रिपाठी ने चेताते हुए कहा कि हम एकता और आपसी सौहार्द की बात करते हैं मगर धर्म की बुनियाद पर बंटवारा करेंगे तो ये मुल्क चल नहीं पाएगा.