'मंदिर के भक्तों को मस्जिद में जाने के लिए किया जा रहा मजबूर', BJP विधायक का बड़ा दावा
बीजेपी विधायक ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से केरल सरकार को पत्र लिखकर भक्तों के ठहरने के लिए आश्रयस्थल बनाने के वास्ते 10 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का भी आग्रह किया.
तेलंगाना में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक टी राजा सिंह ने शुक्रवार को केरल में सबरीमला मंदिर जाने वाले अयप्पा भक्तों से अपील की कि वे अपनी तीर्थयात्रा के दौरान किसी भी मस्जिद में न जाएं. सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि भक्तों को 'अयप्पा दीक्षा' के नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए और यदि वे मस्जिद (वावर) जाते हैं तो वे अशुद्ध हो जाएंगे.
गोशामहल से विधायक सिंह ने कहा कि यह एक साजिश है कि भक्तों को मस्जिद में जाने के लिए मजबूर किया जाता है. उन्होंने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ए रेवंत रेड्डी और एन चंद्रबाबू नायडू से केरल सरकार को पत्र लिखकर भक्तों के ठहरने के लिए आश्रयस्थल बनाने के वास्ते 10 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का भी आग्रह किया.
केरल में मंदिरों के रीति-रिवाजों को लेकर घमासान मचा हुआ है. राज्य के सीएम पिनराई विजयन ने बीते दिनों मंदिरों में पुरुषों के कपड़े उतारने के रिवाज को खत्म किए जाने की वकालत की थी. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की केरल इकाई के सचिव एम वी गोविंदन ने मंदिरों में सदियों पुराने रीति-रिवाजों और अनुष्ठानों को संरक्षित किए जाने के नायर सर्विस सोसाइटी के महासचिव जी सुकुमारन नायर के बयान की निंदा की है.
गोविंदन ने 4 जनवरी,2025 को माकपा के कोट्टायम जिला सम्मेलन में कहा, ‘‘उन्हें (सुकुमारन नायर को) याद रखना चाहिए कि एनएसएस के संस्थापक मन्नथु पद्मनाभन अप्रचलित रीति-रिवाजों के खिलाफ लड़ाई लड़कर एक महान समाज सुधारक के रूप में उभरे थे.’’
उन्होंने कहा कि एनएसएस संस्थापक ने सदैव प्रगतिशील मूल्यों को कायम रखा और अग्रणी सामुदायिक संगठन का नेतृत्व करते हुए दलितों के अधिकारों के लिए खड़े रहे. सुकुमारन नायर ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की तीखी आलोचना की है, क्योंकि विजयन ने शिवगिरी मठ के प्रमुख स्वामी सच्चिदानंद के इस बयान का समर्थन किया था कि मंदिरों को पुरुष श्रद्धालुओं को कमीज पहनने की अनुमति नहीं देने की परंपरा छोड़ देनी चाहिए.
मुख्यमंत्री ने स्वामी सच्चिदानंद के रुख का स्वागत करते हुए कहा था कि बदलते समय के अनुसार ऐसी प्रथाओं से बचा जा सकता है. नायर ने कहा था कि एनएसएस सदियों पुराने रीति-रिवाजों और अनुष्ठानों को बदलने के खिलाफ है और साथ ही मुख्यमंत्री को चुनौती दी थी कि अगर उनमें हिम्मत है, तो वह अन्य धर्मों के रीति-रिवाजों पर हमला करके दिखाएं.
इस बीच, केरल योगक्षेम सभा के अध्यक्ष अक्कीरामन कालिदासन भट्टाथिरिपाद ने एनएसएस के रुख का स्वागत किया और कहा कि मंदिरों में रीति-रिवाजों और प्रथाओं का निर्णय तंत्रियों और पूजा स्थलों से जुड़े अन्य लोगों द्वारा किया जाना चाहिए.
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