नई दिल्ली: कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की करीब चार महीने पुरानी गठबंधन सरकार से कांग्रेस के विधायकों के टूटने और बीजेपी के साथ संपर्क में आने खबर को पार्टी ने खारिज किया है. कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने आज कहा, ''अगर बीजेपी को लगता है कि वो कांग्रेस के विधायकों को तोड़ लेंगे तो हम बता दें कि बीजेपी के सात से आठ विधायक कांग्रेस और जेडीएस के संपर्क में हैं. लेकिन हम इस अलोकतांत्रिक काम में शामिल नहीं होंगे. लेकिन बीजेपी ऐसा करती है तो हम चुप नहीं बैठेंगे.''


उन्होंने कहा, ''कांग्रेस का कोई विधायक पार्टी छोड़कर नहीं जा रहा है. जो भी नाम मीडिया में चलाए जा रहे हैं सभी हमारे और पार्टी नेताओं के संपर्क में हैं.''





वहीं कर्नाटक के उप-मुख्यमंत्री जी परमेश्वरा ने कहा कि कहीं कोई समस्या नहीं है. उन्होंने कहा, ''कांग्रेस को छोड़कर कोई भी विधायक नहीं जा रहा है. सरकार में कोई दिक्कत नहीं है. हमने जैसा सुशासन का वादा किया है हम राज्य के लोगों को दे रहे हैं.''


दरअसल कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है जारकीहोली ब्रदर्स (रमेश और सतीश) जल संसाधन मंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता डीके शिवकुमार से नाराज हैं. जारकीहोली ब्रदर्स ने डीके शिवकुमार पर उनके क्षेत्र में हस्तक्षेप का आरोप लगाया है. नगरपालिका प्रशासन मंत्री रमेश जारकीहोली ने इस संबंध में कांग्रेस नेतृत्व से बात भी की है. खबर ये भी है कि जारकीहोली ब्रदर्स के साथ अन्य विधायकों ने बीजेपी से संपर्क साधा है.


बीजेपी ने कांग्रेस विधायकों की नाराजगी पर कहा कि सत्तारूढ़ दल में लोकतंत्र नहीं है. बीजेपी नेता प्रह्लाद जोशी ने कहा, ''कांग्रेस नेतृत्व ने भरोसा खो दिया है. इसलिए कांग्रेस के भीतर ही कई लोग नाराज हैं. राज्य में कांग्रेस की सरकार अस्थिर है, राजनीतिक स्थिति को संभालने में सक्षम नहीं है.''


आपको बता दें कि इसी साल कर्नाटक विधानसभा के लिए चुनाव हुए थे, लेकिन किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था. 104 सीटों के साथ बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. लेकिन चुनाव के ठीक बाद कांग्रेस और जेडीएस ने गठबंधन का एलान किया और सरकार बनाने का दावा पेश किया. हालांकि राज्यपाल ने बीजेपी को सरकार बनाने का मौका दिया और बीएस येदियुरप्पा मुख्यमंत्री बने. कांग्रेस मामले को सुप्रीम कोर्ट लेकर गई और बीजेपी पर विधायकों को खरीद-फरोख्त करने का आरोप लगाया. बाद में येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.


जिसके बाद 79 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस और 36 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली जेडीएस ने मिलकर सरकार बनाई. कर्नाटक विधानसभा में कुल 225 सदस्य हैं. बड़ी पार्टी होने के बावजूद कांग्रेस ने जेडीएस नेता कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाया है.


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