Manipur BJP MLA Demand Mass Operation: मणिपुर में बढ़ते तनाव के बीच भाजपा-एनडीए के 27 विधायकों ने कुकी आतंकियों के खिलाफ ‘मास ऑपरेशन’ की मांग की है. इस प्रस्ताव को हालिया हिंसा के बाद उठाया गया है जिसमें जीरीबाम जिले में तीन महिलाओं और तीन बच्चों की हत्या कर दी गई थी. सोमवार (18 नवंबर 2024 ) रात आयोजित बैठक में विधायकों ने सात दिनों के भीतर कार्रवाई की मांग की.


प्रस्ताव में कुकी आतंकियों को "गैरकानूनी संगठन" घोषित करने और इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने का अनुरोध किया गया है. इसके साथ ही उन्होंने क्षेत्र में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) की फिर से समीक्षा की मांग की है, जो 14 नवंबर को जारी एक निर्देश के अनुसार उठाई गई है.


विधायकों ने दे दी चेतावनी


विधायकों ने चेतावनी दी कि अगर मांगें सात दिनों के भीतर पूरी नहीं होती हैं तो वे मणिपुर के नागरिकों से सलाह-मशविरा कर अगला कदम तय करेंगे. विधायकों ने मंत्रियों और विधायकों की संपत्तियों पर हुए हमलों की भी कड़ी निंदा की है और उच्च स्तरीय समिति की जांच के बाद कानूनी कार्रवाई का संकेत दिया है.


मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राज्य और केंद्र सरकारें शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगी. बैठक में सात विधायक चिकित्सा कारणों से अनुपस्थित थे जबकि 11 ने अपनी अनुपस्थिति का कोई कारण नहीं बताया.


राज्यसभा सांसद और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा था कि 5,000 जवानों को मणिपुर ले जाना राज्य में संकट का समाधान नहीं है. उन्होंने पूर्वोत्तर राज्य में अस्थिर स्थिति के लिए मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को जिम्मेदार ठहराया है. 


पी चिदंबरम के बयान पर मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह ने कहा, "पी चिदंबरम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और मैं उनके आरोप से हैरान हूं कि वर्तमान संकट मणिपुर के सीएम के कारण है. कांग्रेस के समय में केंद्रीय नेताओं की अनदेखी के कारण हम कुछ समस्याओं का सामना कर रहे हैं. पी चिदंबरम वर्तमान संकट का मूल कारण हैं. जब वह तत्कालीन कांग्रेस सरकार में गृह मंत्री थे और ओकराम इबोबी सिंह मणिपुर के मुख्यमंत्री थे तो वे म्यांमार के एक विदेशी थांगलियानपाउ गुइते को लेकर आए. वह व्यक्ति ज़ोमी री-यूनिफिकेशन आर्मी का अध्यक्ष था, जो म्यांमार में प्रतिबंधित है. उन्होंने कभी पूर्वोत्तर और मूल निवासियों की परवाह नहीं की. वर्तमान संकट म्यांमार के अवैध प्रवासियों की समस्या है और वे मणिपुर और पूरे उत्तर पूर्व के स्वदेशी लोगों पर हावी होने की कोशिश करते हैं."






विपक्ष ने की आलोचना और केंद्र पर सवाल 


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने मंगलवार ( 19 नवंबर 2024) को मणिपुर की स्थिति पर चिंता जताई और मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के समर्थन में कमी को लेकर सवाल उठाए. रमेश ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की भूमिका पर सवाल उठाया कि क्या उन्होंने राज्य के संकट को समझने का प्रयास किया है.


उन्होंने बताया कि हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा एनडीए विधायकों की एक बैठक बुलाई गई थी, जिसमें केवल 26 विधायक ही शामिल हुए. रमेश ने अपनी पोस्ट में लिखा, “मणिपुर विधानसभा में 60 विधायक हैं. मुख्यमंत्री ने एनडीए विधायकों की एक बैठक बुलाई थी, लेकिन उनके अलावा सिर्फ 26 ही उपस्थित हुए. इनमें से 4 विधायक नेशनल पीपल्स पार्टी (NPP) से हैं, जिनके राष्ट्रीय अध्यक्ष पहले ही मुख्यमंत्री से समर्थन वापस ले चुके हैं.” जयराम रमेश ने सवाल उठाया कि क्या केंद्र सरकार मणिपुर की पीड़ा को गंभीरता से ले रही है.


वहीं मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, "मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह मणिपुर में शांति बहाल करने में विफल रहे हैं, उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. हिंसा प्रभावित मणिपुर में संकट के समाधान के लिए प्रधानमंत्री मोदी का हस्तक्षेप आवश्यक है."


मणिपुर हिंसा पर प्रमुख 10 बातें:


1. मणिपुर में भाजपा-एनडीए के 27 विधायकों ने कुकी आतंकियों के खिलाफ ‘मास ऑपरेशन’ की मांग की है.


2. विधायकों ने जीरीबाम जिले में तीन महिलाओं और तीन बच्चों की हत्या के बाद सात दिन के अंदर कार्रवाई की मांग की है.


3. विधायकों ने कुकी आतंकियों को “गैरकानूनी संगठन” घोषित करने और मामले की जांच एनआईए को सौंपने की मांग की है.


4. विधायकों ने क्षेत्र में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) की फिर समीक्षा का भी अनुरोध किया है.


5. अगर मांगें सात दिनों में पूरी नहीं होती हैं, तो विधायक मणिपुर की जनता से मिलकर आगे की रणनीति तय करेंगे.


6. विधायकों ने मंत्रियों और विधायकों की संपत्तियों पर हमलों की निंदा की है और कानूनी कार्रवाई का संकेत दिया है.


7. मुख्यमंत्री कार्यालय ने शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया है.


8. बैठक में सात विधायक चिकित्सा कारणों से अनुपस्थित थे और 11 ने कोई कारण नहीं बताया.


9. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मुख्यमंत्री बीरेन सिंह की समर्थन में कमी पर सवाल उठाते हुए केंद्र की भूमिका पर निशाना साधा है.


10. रमेश ने गृह मंत्री अमित शाह से मणिपुर की स्थिति को गंभीरता से लेने की मांग की और स्थिति में सुधार की अपील की.


ये भी पढ़ें:


IDF ने ईरान के सपने का दिया झटका! न्यूक्लियर ठिकाने को किया तबाह, नेतन्याहू का बड़ा दावा