भोपाल: मध्यप्रदेश विधानसभा के 26 मार्च तक स्थगित होने के बाद भारतीय जनता पार्टी के 106 विधायक पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में राजभवन पहुंचे और राज्यपाल लालजी टंडन के सामने अपनी मौजूदगी दर्ज करवाई. इसके साथ ही बीजेपी नेताओं ने बीजेपी के पास बहुमत का दावा करते हुए राज्यपाल से शक्ति परीक्षण करवाने की मांग की.


राज्यपाल से मिलने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ कमलनाथ सरकार बहुमत खो कर अल्पमत में आ चुकी है और इसलिए राज्यपाल ने उसे आज 16 तारीख को ही राज्यपाल के अभिभाषण के तुरंत बाद शक्ति परीक्षण कराने का आदेश दिया था.’’ बीजेपी ने इस अवसर पर उपस्थित 106 बीजेपी विधायकों द्वारा हस्ताक्षरित शपथपत्र भी राज्यपाल को सौंपा.


उन्होंने सवाल किया ‘‘बहुमत होता तो सरकार को शक्ति परीक्षण कराने में दिक्कत क्या थी ? लेकिन मुख्यमंत्री बच रहे हैं और समय काट रहे हैं क्योंकि वह जानते हैं कि उनकी सरकार अल्पमत में है. इसलिए राज्यपाल के निर्देश का पालन नहीं किया और सरकार रणछोड़दास बन गई. सत्र स्थगित करके भाग गई.’’


चौहान ने कहा ‘‘अब इस सरकार को एक क्षण भी सत्ता में रहने का संवैधानिक अधिकार नहीं है. आज जो सदन में परिदृष्य था, उसको ध्यान में रखते हुए कांग्रेस के पास केवल 92 विधायक हैं जबकि बीजेपी के 106 विधायक यहां आए हैं. यह बिल्कुल स्पष्ट है कि बहुमत अब बीजेपी का है.’’


बीजेपी नेता ने कहा ‘‘इसीलिए हमने राज्यपाल के सामने हमने परेड की है कि बहुमत देख लीजिए.’’ कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर बैठक स्थगित किए जाने के सवाल पर चौहान ने कहा ‘‘यह तो अस्थिर सरकार है. कोरोना वायरस से बचाव के लिए तो स्थिर सरकार की जरुरत है.’’


चौहान के अनुसार, राज्यपाल ने उन्हें आश्वस्त किया है कि हमारे, प्रदेश के, जनता के और विशेषकर विधायकों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करेंगे. उन्होंने बताया ‘‘हम देश की सर्वोच्च अदालत में भी इस मामले को लेकर गए हैं.’’


गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में चल रहे राजनीतिक संकट के हल के लिये प्रदेश की कमलनाथ सरकार को विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने का निर्देश देने के अनुरोध के साथ राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से सोमवार को उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की गई. मध्यप्रदेश में बीजेपी के कुल 107 विधायक हैं. राज्यपाल के सामने आज मैहर से बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी उपस्थित नहीं थे.


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