गौरी लंकेश आरएसएस के ख़िलाफ़ न लिखतीं तो ज़िंदा होतीं- बीजेपी नेता
बेंगलुरू: पत्रकार गौरी लंकेश के मर्डर पर अब राजनीतिक पार्टियों ने भी सियासत शुरू कर दी है. कर्नाटक बीजेपी के एमएलए और पूर्व मंत्री डीएन जीवराज को उस समय जमकर आलोचना झेलनी पड़ी जब उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं की मीटिंग में पत्रकार गौरी लंकेश के मर्डर पर विवादास्पद बयान दिया. कर्नाटक के चिकमंगलुरु में एक कार्यक्रम में डीएन जीवराज ने कहा कि गौरी लंकेश ने अगर आरएसएस के ख़िलाफ़ नहीं लिखा होता तो आज वह ज़िंदा होतीं.
अखबार द हिंदू के मुताबिक, जीवराज ने मीटिंग में कहा, “जब से कांग्रेस की सरकार राज्य में आई है, अब तब 11 बीजेपी नेताओं और हिंदू संगठनों के प्रमुखों की हत्या हो चुकी है. तुम्हें नहीं लगता कि अगर इन हत्याओं के लिए गौरी लंकेश ने सिद्धिरमैया की आलोचना की थी तो आज वो जिंदा होती, अगर वो आरएसएस के लोगों की मौत को भी हत्या मानतीं तो शायद आज उनकी हत्या नहीं होती.”
बीजेपी के नेता के इस बयान पर जब कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धिरमैया से पूछा गया तो उन्होंने कहा, “क्या उनके इस बयान से गौरी लंकेश के हत्यारों के बारे में पता नहीं चलता है.”
गौरी लंकेश की बहन कविता लंकेश ने कहा कि उन्होंने बीजेपी के नेता के उस बयान को नहीं सुना लेकिन अगर कोई ऐसे बयान देता है तो वो कायर है.
जब ‘द हिंदु’ अखबार ने बीजेपी नेता से इस बारे में बात की तो वो तुरंत अपने बयान से पलट गए. उन्होंने मीडिया पर बयान को तोड़ने मरोड़ने का आरोप धर दिया. उन्होंने कहा, “मैंने कहा था, अगर गौरी लंकेश हत्यारों की आलोचना करतीं और सिद्धिरमैया इसमें शामिल लोगों को जेल में डालते, तो किसी की हिम्मत नहीं होती कि वो गौरी लंकेश की हत्या करते. मैं बस पिछली हत्याओं पर सरकार की नाकामियों को उजागर करना चाहता था. मैं पहले ही गौरी लंकेश के मर्डर पर संवेदना व्यक्त कर चुका हूं.”
आपको बता दें कि 5 सितम्बर को मशहूर कन्नड़ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.