नई दिल्ली: संसद में भी जम्मू कश्मीर के जनप्रतिनिधियों ने सरकार के आर्टिकल 370 पर लिए गए फैसले का खुलकर स्वागत किया है. सरकार ने लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग कर केंद्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला किया है. जम्मू-कश्मीर की लद्दाख लोकसभा सीट से चुनकर संसद पहुंचे जम्यांग टसरिंग नामग्याल ने संसद के बाहर इस फैसले पर खुशी ज़ाहिर करते हुए विक्ट्री साइन दिखाकर अपनी खुशी का इजहार किया. जम्यांग टसरिंग नामग्याल खुशी ज़ाहिर करते हुए कहा,'' यह फैसला विकास को सुनिस्चित करेगा और सीमा सुरक्षा को मजबूत करेगा.''


वहीं लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास निगम (LAHDC) के मुख्य कार्यकारी पार्षद ग्याल पी वांग्याल ने कहा कि लद्दाख के लोग पिछले 70 वर्षों से कश्मीर से आजादी की मांग कर रहे थे. उन्होंने इस फैसले को सपने का सच होना करार दिया. उन्होंने कहा कि 1949 से लद्दाख के लोग राज्य से अलग होने का प्रयास कर रहे हैं. पिछले 70-विषम वर्षों में, हमने अपनी मांग को पूरा करने के लिए कई आंदोलन किए.''


आपको बता दें कि सोमावर को मोदी सरकार ने अचानक राज्यसभा में एक संकल्प पत्र पढ़कर बताया है कि राष्ट्रपति ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को खत्म कर दिया है. इसके साथ ही उन्होंने राज्यसभा में जम्मू कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक 2019 पेश किया जिसमें सूबे को दो राज्यों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांटा गया है. ये दोनों राज्य केंद्र शासित राज्य होंगे. ये बिल राज्य सभा में भारी बहुमत से पास हो चुका है और फिलहाल इसपर लोकसभा में बहस चल रही है.