नई दिल्लीः माउंट एवरेस्ट फतह करने वाले नेपाली मूल के पर्वतारोही तेनजिंग नॉर्गे शेरपा को भारतरत्न देने की मांग उठी है. भाजपा सांसद राजू बिष्ट ने लोकसभा में यह मुद्दा उठाया. भाजपा सांसद ने कहा कि तेनजिंग नॉर्गे शेरपा को अभी तक वह सम्मान नहीं मिला है, जिसके वह हकदार थे. देश ने उन्हें पद्मभूषण दिया है, लेकिन वह भारतरत्न देने के काबिल हैं.


पश्चिम बंगाल की दार्जिलिंग सीट से सांसद राजू बिष्ट ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि न्यूजीलैंड के एडमंड हिलरी के साथ 29 मई 1953 को तेनजिंग शेरपा ने माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहला कदम रखा था. इसके बाद उन्हें स्पेशल ओलंपिक मेडल, इरान शाह मेडल, नेपाल तारा, फ्रेंच स्पोर्ट्स मेडल सहित दुनियाभर में कई तरह के सम्मान मिले. नासा ने भी उन्हें सम्मानित किया.


भारत सरकार ने उन्हें पद्मभूषण दिया. लेकिन जिस तरह का उन्होंने योगदान दिया है, उस लिहाज से उन्हें भारतरत्न मिलना चाहिए. भाजपा सांसद ने दार्जिलिंग हिल्स एरिया की तरफ से तेनजिंग नॉर्गे शेरपा को भारतरत्न देने की मांग की.


1953 में की एवरेस्ट फतह
तेनजिंग नॉर्गे शेरपा का जन्म 29 मई, 1914 को उत्तरी नेपाल के एक शेरपा बौद्ध परिवार में हुआ था. सन् 1933 में नौकरी की तलाश में वह पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में आए थे. फिर एक ब्रिटिश मिशन में शामिल होने के बाद उन्होंने एवरेस्ट मिशन में हिस्सा लेना शुरू किया. आखिरकार सातवें प्रयास में 29 मई, 1953 को उन्होंने न्यूजीलैंड के सर एडमंड हिलेरी के साथ एवरेस्ट फतह कर दुनिया को चौंका दिया था. सन् 1933 में तेनजिंग नॉर्गे शेरपा को भारत की नागरिकता मिल गई थी.


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