नई दिल्ली: बिहार में नीतीश सरकार के शराबबंदी के दावों की एक बार फिर पोल खुल गई है. बिहार के गया से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद हरि मांझी के बेटे को पुलिस ने नशे की हालत में और शराब पीने के आरोप में गिरफ्तार किया है. बोधगया के थानाध्यक्ष शिवकुमार महतो ने बताया कि नामा पश्चिमी गांव में पुलिस शराब बेचने के आरोपी बिगन मांझी और मुनारिक चौधरी को गिरफ्तार करने गयी थी. इसी दौरान सांसद के बेटे भी नशे की हालत में पकड़े गये.


गया की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गरिमा मलिक ने आज कहा, ''बोधगया थाना क्षेत्र के नावां गांव से पुलिस ने शनिवार की रात सांसद के बेटे राहुल कुमार (18) को एक दोस्त के साथ उस समय गिरफ्तार कर लिया, जब वह नावां गांव में अपने साथियों के साथ मिलकर शराब पी रहा था.'' उन्होंने बताया कि मेडिकल जांच में उसके शराब पीने की पुष्टि हुई है.


सांसद ने कहा- यह साजिश है


वहीं बीजेपी सांसद अपने बेटे के बचाव में उतर आए हैं. उन्होंने कहा, ''एक साजिश के तहत उनके बेटे को फंसाकर राजनीतिक बदला लिया जा रहा है. वे शराब पीने वाले का समर्थन नहीं करते. उनका राजनैतिक करियर खराब करने के लिए साजिश के तहत बेटे को फंसाया गया है. उसने शराब नहीं पी थी. वह लड़ाई-झगड़े की सुलह कराने नावां गांव गया था.''


गौरतलब है कि बिहार में दो साल पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्ण शराबबंदी का ऐलान किया था. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर सांसद के बेटे के पास शराब कैसे पहुंची? विपक्षी दलों का आरोप है कि कानून को ताक पर रखकर खुलेआम शराब की 'होम डिलिवरी' हो रही है. पिछले दिनों आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा था कि शराबबंदी कानून के जरिए दलितों और अति पिछड़ों पर अत्याचार किया जा रहा है, और इस कानून के तहत गिरफ्तार एक लाख तीस हजार में से ज्यादातर लोग दलित और अति पिछड़े हैं.