Included Curriculum Children's Books: भाजपा के राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर विभाजन विभीषिका स्मरण दिवस को इतिहास के पाठ्यक्रम (syllabus) में शामिल करने और इसे बच्चों को पढ़ाने का अनुरोध किया है. उनका कहना है कि बच्चों को विभाजन विभीषिका का संपूर्ण तथ्यात्मक ज्ञान देना जरूरी है. जो पाठ्यक्रम में शामिल करने से ही संभवतः युवा पीढ़ी सही सही जानकारी जान पाएगी. इतिहास की गलतियों को दोबारा न दोहराने के लिए यह अति आवश्यक है. जो इतिहास की गलतियों से नहीं सीखता है, उसे अंत में पश्चाताप करना पड़ता है.
विश्व इतिहास की सबसे बड़ी क्रूरतापूर्ण घटना थी विभाजन की पीड़ा
सांसद हरनाथ सिंह यादव ने पत्र में जिक्र किया कि उनके अनुसार विभाजन की पीड़ा विश्व इतिहास की सबसे बड़ी क्रूरतापूर्ण घटना थी. जिसमें लगभग दस लाख लोगों की जान चली गई. लगभग 70 लाख लोगों को अपने घर, द्वार, जमीन, जायदाद छोड़नी पड़ी. माताओं-बहनों-बेटियों की इज्जत लूटी गई.
विभाजन विभीषिका पाठ्यक्रम बच्चों के लिए क्यों है जरूरी
सांसद हरनाथ सिंह ने बताया कि देश की अधिकांश आबादी का जन्म आजादी के बाद हुआ है. देश का विभाजन क्यों हुआ. विभाजन के पीछे पृष्ठभूमि क्या थी. विभाजन का दंश जो लाखों लोगों ने झेला है. वास्तव में उसकी हकीकत क्या थी. विभाजन के लिए कौन से लोग उत्तरदायी थे. लोगों के पास विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर सटीक जानकारी देने के लिए कोई तथ्यात्मक साहित्य उपलब्ध नहीं है.
कुटिल मानसिकता के इतिहासकारों ने अपने दृष्टिकोण से लिखा है इतिहास
पत्र में हरनाथ सिंह यादव ने यह भी जिक्र किया कि विभाजन का इतिहास ऐसे ऐतिहासिक तथ्यों पर निर्भर है. जो यूरोपीय अथवा देश के कुटिल मानसिकता वाले इतिहासकारों ने अपने दृष्टिकोण से लिखा है. यही कारण है कि इतिहास की पुस्तकों में विभाजन के इतिहास की त्रासदी को दो-चार पंक्तियों या कुछ पैराग्राफ में समेट दिया गया. इतिहास हमारे अतीत को जानने, वर्तमान को समझने एवं विष्य को सुधारने का सबसे सबल माध्यम है.
दोबारा लिखा गया है पत्र
सांसद हरनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री को पहला पत्र 14 अगस्त को लिखा था. इसके बाद 15 अगस्त को फिर से पत्र लिखकर उन्होंने विश्व की सबसे क्रूरतम घटना का संपूर्ण प्रमाणिक ज्ञान भविष्य की पीढ़ी को देने के लिए इतिहास के पाठ्यक्र में इसे जोड़ने की मांग की है.
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