Himachal Pradesh Floods: हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से बीजेपी सांसद कंगना रनौत अक्सर ही अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में रहती हैं. कंगना के कुछ बयान उन्हें फंसा देते हैं तो कुछ के लिए उनकी तारीफ होती है. हालांकि, सांसद बनने के बाद से ही वह लगातार अपने क्षेत्र और राज्य के मुद्दों को उठाती रही हैं. संसद से लेकर सड़क तक वह मंडी के हालात सुधारने की बात कर रही हैं. हाल ही में बीजेपी सांसद ने मंडी क्षेत्र को लेकर कुछ ऐसा कहा, जिसे जानकर हर कोई उनकी तारीफ ही करेगा.
दरअसल, पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में कंगना रनौत से पूछा गया कि अगर आपके पास कोई सुपर पावर होती तो आप क्या बदलना चाहतीं? इसके जवाब में कंगना ने कहा, "मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र में बाढ़ को बदलना चाहूंगी. ये हर साल आ रही है और बहुत तबाही मचा रही है. मैं भगवान से प्रार्थना करना चाहूंगी कि वह बाढ़ को रोक दें. हमारे यहां सही मात्रा में बारिश हो और कृप्या बाढ़ को रोका जाए. अब और बाढ़ नहीं." मंडी में हाल ही में भीषण बाढ़ भी आई थी, जिसकी वजह से वहां काफी ज्यादा नुकसान हुआ.
बाढ़ पीड़ितों से कंगना रनौत ने की थी मुलाकात
हिमाचल प्रदेश में अगस्त की शुरुआत में कई जिलों में भीषण बाढ़ आई. मंडी भी उन क्षेत्रों में शामिल था, जहां प्राकृतिक आपदा की त्रासदी देखने को मिली. मंडी का प्रतिनिधित्व करने वालीं कंगना ने बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की थी. उन्हें पीड़ितों को गले लगाकर ढंढास बांधते हुए भी देखा गया. कंगना रनौत ने मुलाकात के दौरान कहा था कि यहां दिल दहलाने वाली त्रासदी देखने को मिली है. लोगों ने बच्चों समेत पूरा परिवार भी खोया है. लोगों में बहुत ज्यादा डर है और वे सदमे में हैं. हिमाचल सरकार प्रभावित परिवारों को तुरंत वित्तीय सहायता प्रदान करे.
हिमाचल और मंडी में क्या हैं मौजूदा हालात?
बाढ़-बारिश के चलते हिमाचल प्रदेश और मंडी में जन-जीवन काफी ज्यादा अस्त-व्यस्त हुआ है. अभी भी कई जगह भूस्खलन हो रहा है, जिसकी वजह से सड़कें बंद हैं. वर्तमान में हिमाचल में 40 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं. मंडी में अकेले 12 सड़कें भूस्खलन के बाद बंद कर दी गई हैं. कांगड़ा में 10, कुल्लू में 9, शिमला में 5 और ऊना, सिरमौर, चंबा और लाहौल-स्पीति में एक-एक सड़क बंद है. हिमाचल में पांच बिजली और 19 जलापूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं.
बाढ़ से हिमाचल को कितना नुकसान हुआ है?
हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ सालों से बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से बहुत ज्यादा नुकसान देखने को मिली है. पीटीआई के मुताबिक, राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने बताया है कि 27 जून को मानसून की शुरुआत हुई है और पिछले दो महीनों में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 150 लोगों की जान गई है. बाढ़ और बारिश की वजह से हिमाचल प्रदेश को 1265 करोड़ रुपये का नुकसान भी हुआ है.
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