नई दिल्ली: बीजेपी एमपी मेनका गांधी ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने केरल की जंगली भैंस की हत्या वाली घटना पर बात करते हुए कहा कि ये सबसे शर्म की बात है कि वह बेचारी मां एक जगह खोज रही थी अपने बच्चे को जन्म देने के लिए और किस तरह उसकी हत्या कर दी गई. यह जानवर बहुत दुर्लभ प्रजाति के हैं और यह हमारे यहां ही मिलते हैं. यह शर्म की बात है.

जानवरों को लेकर बनाए गए कानून का सख्ती से हो पालन
मेनका गांधी ने कहा कि जरूरत यह नहीं की जो कानून इंसानों के लिए है वही कानून जानवरों के लिए बनाया जाए. लेकिन जो कानून बने वह तगड़ा बनना चाहिए. सख्त कानून बने और जो कानून अभी भी है उसे सख्ती से इस्तेमाल किया जाए. उन्होंने आगे कहा, कि कोविड के समय हमने देखा है कि लाखों लोग बाहर निकले हैं. लोग जानवरों की रक्षा करने के लिए बाहर निकले हैं. दो तरह के लोग थे एक मारने वाले लेकिन बचाने वाले भी बड़ी संख्या में बाहर निकले हैं.

मेनका गांधी ने उत्तर प्रदेश सरकार की व्यवस्था पर सवाल खड़े किये

मेनका गांधी ने कहा कि जो गाय आवारा है वो फिर भी खुश हैं. लेकिन जो गौशाला में है उनका तो बहुत बुरा हाल है. रोज के रोज गौशाला में जानवर मर रहे हैं. उत्तर प्रदेश में मेरे अपने पीलीभीत में कल ऐसा कांड हुआ कि 2 दिन से गाय को खाना नहीं खिलाया जिसके चलते उसकी मौत हो गई.

कोई भी ऐसी गौशाला नहीं खासकर उत्तर प्रदेश में जहां गाय के नाम पर बहुत सारे कर्मचारी हो. या बहुत सारी चोरी हो रही हो. ऐसा नहीं है लेकिन ऐसी स्थिति है या तो गाय सड़क पर मर जा रही हैं या फिर गौशाला में मर रहे हैं. मैं तो यही कहूंगी कि उनको छोड़ दीजिए. आवारा रहने दीजिए. सवाल यह है कि गौशाला चलाने के लिए ईमानदार लोग चाहिए जो हैं नहीं. रातों रात गाय को कासाइयों को भेज दिया जाता है. इसलिए गौशाला के नाम पर जो करोड़ों रुपए खर्च हो रहे हैं उसको शक्ति से ठीक करना होगा.

मेनका गांधी ने किया मध्यप्रदेश के आसरा अस्पताल की एक घटना का जिक्र
मेनका गांधी ने मध्यप्रदेश के आसरा अस्पताल की एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि एक सफेद उल्लू को आसरा अस्पताल ले जाया गया. लेकिन वहां की महिला डॉक्टर ने उसको टुकड़े-टुकड़े करके उसे तांत्रिकों को दे दिया. जब मामला उठाया गया, मैंने खुद वहां के मुख्यमंत्री से बात की लेकिन अब तक उस डॉक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मोर को दाना खिलाए जाने वाले वीडियो पर दी प्रतिक्रिया
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मोर को दाना खिलाए जाने वाले वीडियो पर मेनका गांधी बोली की पीएम मोदी दरअसल यह बताना चाहते हैं कि जानवर और पक्षी को दाना खिलाया जाना चाहिए. उन्होंने लॉकडाउन के दौरान भी कहा था कि यह बहुत कठिन समय है और जानवरों के लिए तो सबसे ज्यादा कठिन होगा. इसलिए प्रधानमंत्री बताना चाहते हैं, जो जानवर हैं, जो चिड़िया है, जो बेजुबान है जिनके पास पेट भरने का और कोई तरीका नहीं उन्हें खिलाया जाए. यही प्रधानमंत्री अपने इस वीडियो के जरिए बताना चाहते है.

अमेरिकाः ट्रंप पर बहन ने लगाए गंभीर आरोप, राष्ट्रपति को बताया- 'निर्दयी और झूठा'

कोरोना की लड़ाई में भारत से पिछड़ा अमेरिका, 1.80 लाख मौत के बाद अब प्लाज्मा थेरेपी से इलाज को दी मंजूरी