मुंबई: मुंबई में कोरोना मरीजों को लगने वाली ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत को देखते हुए मुंबई नार्थ ईस्ट से बीजेपी सांसद मनोज कोटक ने अनोखी शुरुआत की है. जरूरतमंद के घर-घर ऑक्सीजन सिलिंडर पहुंचे इसलिए मनोज कोटक द्वारा निशुल्क ऑक्सीजन सिलेंडर सेवा की शुरुआत सोमवार को की गई और इस सेवा कार्य में अपना योगदान और वॉलंटियर को प्रोत्साहन के लिए मशहूर गायक सोनू निगम विशेष तौर पर मौजूद रहे.
मुंबई में मनोज कोटक अपने 24 घंटे खुले रहने वाले दफ्तर और कंट्रोल रूम के जरिए कोरोना पीड़ितों के तत्काल मदद उपलब्ध कराने के लिए मशहूर हैं. अप्रैल महीने के कोरोना पीक के दौरान से कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन की उपलब्धता कराने के दिशा में सांसद मनोज कोटक लगातार काम कर रहे हैं. इसी क्रम में आज मनोज कोटक के प्रयास से मुलुंड के फ्रेंडस एकाडमी स्कूल में बनाये गए एचआरसी (हाई रिस्क कॉन्टैक्ट ) आइसोलेशन सेंटर और निशुल्क ऑक्सीजन सिलेंडर सेवा की शुरुआत की गई. इस विशेष कार्यक्रम में मशहूर गायक सोनू निगम उपस्थित रहे. आइसोलेशन सेंटर का काम 'आदिघंटाकरण चैरिटेबल ट्रस्ट' द्वारा किया गया है. सभी सुविधाओं से युक्त इसमें 50 बेड हैं. साथ ही इस सेंटर में रूटीन चेकअप, मेडिसिन और भोजन की उत्तम व्यवस्था भी उपलब्ध है.
मनोज कोटक ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि कोविड -19 की लहर के चलते ऑक्सीजन की किल्लत महसूस होने लगी है, इसलिए कोरोना की दुसरी लहर में स्वास्थ्य सेवा मजबूत कराने के उद्देश्य से उत्तर मुंबई के नागरिकों को आपाद स्थिती में ऑक्सीजन उपलब्ध करने के लिए ऑक्सीजन सिलिंडर सेवा शुरू की गयी है. इसका लाभ जरूरतमंद को होगा. कोविड की इस लड़ाई में हम एक दूसरे के साथ हैं. आज से हमने नि:शुल्क ऑक्सीजन सिलेंडर की सुविधा उपलब्ध कराई है. अब तक हमने 150 से ज्यादा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर लोगों में बांटे हैं और हमारे कार्यकर्ता और नगरसेवकों के ऑफिस से जरूरतमंद लोगों के लिए यह सुविधा मुहैया की जा रही है. हमारा लक्ष्य है कि जरूरतमंद को ऑक्सीजन के लिए भटकना ना पड़े और घर-घर तक सिलेंडर पहुंचाया जा सके.
वहीं, इस मौके पर मशहूर गायक सोनू निगम ने कहा, “सांसद मनोज कोटक ने कोविड महामारी के दौरान दिन रात लोगों की सेवा की है. जरूरतमंदों के घर-घर तक ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचे, उनके इस मुहिम को देखकर बहुत संतोष हो रहा है. मैंने आइसोलेशन सेंटर को देखा और उसका जायजा लिया. लोग वैक्सीन जल्द से जल्द लें. मैं चाहता हूं कि यह सेंटर खाली रहे ताकि कोई बीमार न हो और उन्हें इस सेंटर में आने की जरूरत ही ना महसूस हो.”
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