Delhi Chhath Puja: दिल्ली में कोरोना वायरस के दौरान तैयारी में दिखी कमी हो, डेंगू के बढ़ते केस हों या प्रदूषण का मामला ही क्यों ना हो. दिल्लीवासियों को केवल आम आदमी पार्टी के आरोप और बीजेपी शासित एमसीडी के प्रत्यारोप ही देखने और सुनने को मिलते हैं लेकिन किसी समस्या का समाधान या हल नहीं मिल पा रहा है. अब छठ पूजन को लेकर राजधानी दिल्ली में करीब डेढ़ महीने से सियासी घमासान चल रहा है. पिछले महीने ही दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने यमुना के किनारे, सार्वजनिक स्थलों और मंदिरों में छठ पर्व मनाने पर रोक लगाई थी जिसके बाद आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच पूर्वांचलियों को खुश करने की पुरजोर कोशिश की जा रही है और श्रेय लेने की होड़ भी शुरू हो गई है.


बीजेपी की छठ रथ यात्रा के जरिए विरोध


पूर्वांचली और दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष, मौजूदा सांसद मनोज तिवारी डीडीएमए के इस फैसले से नाखुश दिख रहे हैं और पूरी दिल्ली में छठ रथ यात्रा निकाल कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं आम आदमी पार्टी के विधायकों ने शनिवार को आम आदमी पार्टी के दफ्तर में प्रेस कांफ्रेंस कर छठ पूजन को रोकने का आरोप बीजेपी पर लगाया है. मालवीय नगर से विधायक सोमनाथ भारती कहते हैं कि बीजेपी की पूर्वांचल विरोधी मानसिकता दिखाई दे रही है. " DDMA के हेड LG हैं , LG बीजेपी के बनाए हुए हैं, प्रेसिडेंट बीजेपी के हैं. एलजी अगर बीजेपी की बात ना मानें तो तुरंत हटा दिए जाएंगे. बेहद दबाव में काम कर रहे हैं एलजी." 


आम आदमी पार्टी का आरोप


मालवीय नगर से विधायक सोमनाथ भारती ने कहा कि सीएम केजरीवाल ने 14 अक्टूबर को चिट्ठी लिखी, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पुरजोर कोशिश की जिसके बाद LG साहब परमिशन देने के लिए राजी हुए. 72  छठ घाटों से 1200 छठ घाटों को बनाया गया. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार अपने दमखम से पूरी तैयारी से छठ मईया पूजन का आयोजन कराती है. दिल्ली में घाट पहले से बने हुए हैं, सिर्फ मिट्टी हटानी होती है. पूरे पूर्वांचलियों को आपने धोखा दिया है. 


विधायक सोमनाथ भारती ने बीते दिन अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के जरिए एक वीडियो पोस्ट करते हुए बीजेपी पर छठ पूजा के आयोजन में विघ्न डालने का आरोप भी लगाया था , उन्होंने लिखा था कि "जब बीजेपी के नेताओं ने पुलिस का दुरुपयोग कर JCB मशीन को छठ घाट बनाने से रोक दिया तो मैंने खुद कार्यकर्ताओं और क्षेत्रवासियों के साथ मिलकर भगवान श्रीराम के गिलहरियों (रामसेतु प्रसंग) के तरह खुद फावड़े से घाट बनाने का काम फिर से जेसीबी मशीन आने तक जारी रखा. छठी मैया की जय!"  इस मामले को लेकर सोमनाथ भारती से एबीपी न्यूज ने खास बातचीत की, जहां भारती कहते हैं कि " डीडीए पार्क , बेगमपुर में हम छठ घाट बना रहे थे, हमे सिर्फ मिट्टी निकालनी थी घाट बना हुआ था, वहां बीजेपी के लोग पहुंचे और कहने लगे हम छठ घाट नही बनने देंगे. ये लोग पूर्वांचलियों के खिलाफ हैं. " 


विधायक सोमनाथ भारती के ट्वीट के रिप्लाई में मुख्यमंत्री केजरीवाल भी अपने आधिकारिक ट्विटर के जरिए बीजेपी पर छठ पूजा के आयोजन में दिक्कतें पैदा करने का आरोप लगाया, केजरीवाल लिखते हैं कि " छठ पूजा के आयोजन में इस तरह विघ्न डालना सही नहीं है. हम सबको मिलकर इसका आयोजन करना चाहिए और फिर मिलकर छठी मैया की पूजा करेंगे. तभी तरक़्क़ी होगी."


आम आदमी पार्टी के बुराड़ी से विधायक संजीव झा के अनुसार "LG साहब जिसकी नौकरी कर रहे हैं, उनकी ही वफादारी कर रहे हैं." झा आगे कहते हैं कि छठी मईया की पूजा पर राजनीति नही चलेगी. यमुना के 15 से 20 घाट हैं जहां पूजा होती है, 15 लाख से ज्यादा लोग आते हैं. हमने सोशल डिस्टेंस कायम करने के लिए घाटों की संख्या को बढ़ाया था. रोहिणी में , मालवीय नगर में घाटों को बनने से रोका जा रहा है. द्वारका में हमारे विधायक धरने पर बैठे हैं घाट को बनाने के लिए , वहां मेयर खुद आकर कहते हैं कि घाट नही बनने देंगे. एलजी साहब के जरिए कहा गया कि यमुना के किनारे छठ पूजा नही मनाया जाएगा. यमुना के किनारे नही होगी तो छोटे छोटे घाटों पर भीड़ बढ़ेगी. भाजपा के इशारे पर LG ने यमुना के किनारे छठ पूजा ना हो इसका आदेश जारी कर दिया. 


प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बीजेपी सांसद मनोज तिवारी पर भी आम आदमी पार्टी के विधायकों ने तीखे वार किए. विधायक संजीव झा कहते हैं कि "मनोज तिवारी जी से कहूंगा, आपकी पार्टी पूर्वांचलवासियों से नफरत करती है ,आप पूर्वांचलवासी हैं आपको इस मामले में चुप नही बैठना चाहिए."   विधायक भारती कहते हैं कि  आज पूर्वांचल के लोगों को बीजेपी में भी उठकर खड़े हो जाना चाहिए, पार्टी से ऊपर उठो !केजरीवाल जी ने घाट बनाए हैं तो सबके लिए बनाए हैं. इसमें राजनीति ना करें. 


दिल्ली में करीब 25 से 30 प्रतिशत पूर्वांचलियों की तादाद है , लिहाज़ा पूर्वांचलियों को खुश करने की कोशिश हर पार्टी कर रही है. दिल्ली में नगर निगम के चुनाव भी नजदीक हैं ऐसे में कोई भी पार्टी किसी भी समुदाय से  नाराजगी मोल लेने का जोखिम नहीं उठा सकती है इसलिए पार्टियां पहले के मुकाबले अब ज्यादा मुखर दिख रही हैं और एक दूसरे पर दोषारोपण किया जा रहा है. 


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