Rahul Gandhi Mohabbat Ki Dukan: कांग्रेस नेता राहुल गांधी इसी महीने अमेरिका के दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने एक कार्यक्रम में बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा था 'उनका (बीजेपी) काम नफरत बांटने का है और हमारा काम मोहब्बत बांटने का. हम उनका काम क्यों करें, हम अपना काम करेंगे.'


अब राहुल गांधी के 'मोहब्बत की दुकान' वाले बयान को लेकर बीजेपी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर, बीजेपी युवा मोर्चा की पूर्व अध्यक्ष और सांसद पूनम महाजन और सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने 9 पेज का राहुल गांधी को पत्र लिखा है.


'मेनका गांधी को घर से निकाल दिया था'


बीजेपी सांसदों ने राहुल गांधी को लिखे पत्र में कहा है, "आपको भी शायद 28 मार्च, 1982 की वह तारीख याद हो. जब आपकी दादी अपनी छोटी बहू मेनका गांधी से इतनी मोहब्बत' से पेश आई थीं कि रातों-रात उन्हें घर से निकाल दिया था. तब देशभर के तमाम अखबारों के मुख्य पृष्ठ पर एक ही तस्वीर थी. उस तस्वीर में प्रधानमंत्री निवास से आँखों में बेबसी के आंसू और मायूस चेहरे के साथ बेघर हो रहीं मेनका गांधी गोद में था नन्हा बेटा वरुण, जो उस वक्त तेज बुखार से तप रहा था. पत्रकार खुशवंत सिंह ने अपनी किताब 'Truth, Love & a Little Malice' में लिखा है, रात 11 बजे वरुण को मेनका के हवाले कर दिया गया. प्रधानमंत्री की गाड़ी को यह आदेश दिया गया कि मेनका जहां चाहें, उन्हें वहां छोड़ दिया जाए. 


'वरुण गांधी की शादी में कोई नहीं गया' 


बीजेपी सांसदों ने राहुल गांधी को आगे लिखा, "आपके लिए मोहब्बत के क्या मायने हैं, यह निजी रिश्तों में भी बखूबी उजागर हो रहा है. आपके भाई वरुण गांधी अपनी शादी का न्योता लेकर खुद अपनी ताई सोनिया के घर 10 जनपथ गए थे. याद है ना मोहब्बत के रिश्तों को निभाने के लिए न आप और न ही आपकी मां और बहन इस शादी में शामिल हुईं. जबकि इंदिरा गांधी से मिले असहनीय अपमान के बावजूद प्रियंका गांधी की शादी में वरुण गांधी शामिल हुए थे."


इसके अलावा बीजेपी नेताओं ने पिछली कांग्रेस की सरकारों मेंं हुई हिंसक घटनाओं का जिक्र करते हुए राहुल गांधी को घेरा है.


दरअसल, कुछ दिनों पहले राहुल गांधी ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा था, "भारत की सभ्यता में नफरत नहीं मोहब्बत है जिसे हम आगे लेकर जा रहे हैं." उन्होंने कहा था, "मैं यहां पर मन की बात करने नहीं आया हूं. मुझे यहां आपके मन की बात सुनने में ज्यादा दिलचस्पी है. उनका काम नफरत बांटने का है और हमारा काम मोहब्बत बांटने का. हम उनका काम क्यों करें, हम अपना काम करेंगे."


बता दें कि राहुल गांधी ने अपनी बहुचर्चित 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान कहा था कि वह नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलने निकले हैं. हाल ही में अमेरिका दौरे पर भी राहुल गांधी ने 'मोहब्बत की दुकान' नाम से आयोजित कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था.


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