BJP On Bihar Minister Chandrashekhar: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का एक और वीडियो सामने आया है, जिसमें वह ग्रंथों और रामचरितमानस की कुछ बातों की तुलना 'पोटेशियम साइनाइड' करते हुए दिख रहे हैं. चंद्रशेखर के बयान पर राजनीति गरमा गई है. 


बिहार के मंत्री के बयान को लेकर बीजेपी के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने पूरे विपक्षी गठबंधन (I.N.D.I.A.) को घेरा है. एबीपी न्यूज के साथ बाततीत में राकेश सिन्हा ने आरोप लगाया है कि ऐसे बयान गठबंधन के नेताओं की ओर से दिलवाए जा रहे हैं. 


'जहर उनके मस्तिष्क में बना हुआ है'


बीजेपी नेता राकेश सिन्हा ने कहा, ''ये बयान चंद्रशेखर स्वयं नहीं दे रहे हैं, यह बयान घमंडिया गठबंधन के नेताओं की ओर से दिलवाए जा रहे हैं. नहीं तो, जब पहली बार उन्होंने रामचरितमानस और तुलसीदास जी पर सवाल खड़ा किया था और अभद्र, अमर्यादित शब्दों का प्रयोग उनके लिए किया था, तब इस गठबंधन के द्वारा उस नेता के ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए थी.''


उन्होंने कहा, ''कार्रवाई होने की जगह उन्हें प्रोत्साहित किया जाता है. इसीलिए मैं मानता हूं कि यह गठबंधन पूरी तरह से हिंदू सभ्यता-संस्कृति या हिंदू नायकों, हिंदू मानस को क्षत-विक्षत करने के उद्देश्य से काम कर रहा है. चंद्रशेखर जी को मैं बता देना चाहता हूं, जहर रामचरितमानस में नहीं, जहर उनके मस्तिष्क में बना हुआ है और अपने ही जहर से वे समाप्त होंगे राजनीति में...''



ये तुष्टिकरण की नीति को आगे बढ़ा रहे हैं- राकेश सिन्हा


राकेश सिन्हा ने कहा, ''यह तो लालू यादव जी, नीतीश जी को जवाब देना पड़ेगा. उनके मंत्रिमंडल का एक व्यक्ति तुलसीदास जी के चरित्र पर, तुलसीदास जी के व्यक्तित्व पर, उनकी बौद्धिकता पर, उनके सामाजिक मानवीय सरोकार पर प्रश्न कर रहा है, जिन्होंने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का एक ऐसा वर्णन किया है, जिसे पूरा संसार मानता है.''


उन्होंने कहा, ''जिस रामचरित मानस को दुनिया के अनेक देशों में पढ़ा जाता है और उसका मंचन होता है, यहां तक कि मुस्लिम देश भी उसमें शामिल हैं, उस रामचरितमानस पर सवाल खड़ा करना राजनीति से प्रेरित हैं, उस राजनीति का एक मात्र उद्देश्य किसी खास वर्ग के लोगों का तुष्टिकरण करना है. हिंदू समाज को गाली देकर, हिंदू समाज के नायकों पर सवाल खड़ा करके ये तुष्टिकरण की नीति को आगे बढ़ा रहे हैं.'' 


बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का बयान


न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, चंद्रशेखर ने गुरुवार (14 सितंबर) देर रात एक कार्यक्रम में कहा कि शास्त्रों में बहुत सी अच्छी बातें हैं... लेकिन अगर किसी दावत में पोटेशियम साइनाइड छिड़ककर 55 व्यंजन परोसे जाते हैं तो भोजन खाने लायक नहीं रह जाता.


उन्होंने आरोप लगाया कि जातिगत भेदभाव के बारे में उनकी टिप्पणियों के बाद उन्हें अपशब्द कहे गए और हमले की धमकियां भी मिलीं, लेकिन जब आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने इसी तरह की चिंता व्यक्त की तो किसी को कोई समस्या नहीं हुई.


(इनपुट भाषा से भी)


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