राहुल गांधी के इमरजेंसी वाले बयान पर राकेश सिन्हा का हमला, बोले- सिर्फ गलती बताने से काम नहीं चलेगा, माफी मांगे
सिन्हा ने कहा, ''राहुल अपने परिवार की परंपरा के अनुकूल ही कर रहे हैं पहले 50 के दशक में सरदार पटेल, पुरुषोत्तम दास टंडन जैसे नेताओं से चुनौती मिल रही थी तो आरएसएस पर हमला किया. जब 70 के दशक में इंदिरा गांधी को चुनौती मिली तो उन्होंने इमरजेंसी लगाई और आरएसएस पर हमला किया वही काम आज राहुल गांधी कर रहे हैं.''
नई दिल्ली: राहुल गांधी ने अमेरिका की कॉर्नल यूनिवर्सिटी के एक ऑनलाइन कार्यक्रम में इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान देश में इमरजेंसी लगाने के फैसले को गलती बताया है. इस पर बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा ने कहा कि इमरजेंसी को सिर्फ भूल बताकर काम नहीं चलेगा. कांग्रेस को इस बारे में एक प्रस्ताव पास करके माफी मांगनी चाहिए.
राकेश सिन्हा ने कहा, ''अगर राहुल गांधी इतने ही गंभीर हैं तो उनको बताना चाहिए जयप्रकाश नारायण सरीखे बड़े नेताओं को जो फासिस्ट कहा गया था वह गलत था और सार्वजनिक तौर पर उसके लिए माफी मांगेंगे? सिर्फ भूल बताकर काम नहीं चलेगा इसको एक रेज़ोलुशन पास करके कांग्रेस को माफी मांगी चाहिए. अगर ऐसा नहीं करते तो फिर यही माना जाएगा कि वो सिर्फ ढकने का काम कर रहे हैं.''
सिन्हा ने कहा, ''राहुल अपने परिवार की परंपरा के अनुकूल ही कर रहे हैं पहले 50 के दशक में सरदार पटेल, पुरुषोत्तम दास टंडन जैसे नेताओं से चुनौती मिल रही थी तो आरएसएस पर हमला किया. जब 70 के दशक में इंदिरा गांधी को चुनौती मिली तो उन्होंने इमरजेंसी लगाई और आरएसएस पर हमला किया वही काम आज राहुल गांधी कर रहे हैं.''
बीजेपी सांसद ने कहा, ''राहुल गांधी इस तरह से न सिर्फ हिंदू समाज और राष्ट्रवाद का अपमान कर रहे हैं बल्कि देश की छवि को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं. किसी राष्ट्रीय नेता को इस तरीके के बयान देने से बचना चाहिए जो सच ना हो. कांग्रेस के भीतर 23 नेताओं ने जो सवाल खड़ा किया वह सवाल कांग्रेस के विचार और वंशवादी राजनीति पर है. ऐसा पहली बार हुआ है कि कांग्रेस के भीतर से ही नेहरू-गांधी परिवार को पर सवाल उठे हैं.''
उन्होंने कहा, ''राजस्थान में जहां उनकी सरकार है वहां पर आरएसएस के विद्या भारती के स्कूल में 4,000 से ज्यादा मुस्लिम बच्चे पढ़ते हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों में जो स्कूल चल रहे हैं वहां पर मुस्लिम बच्चे न सिर्फ पढ़ते हैं बल्कि टॉप भी करते हैं. राहुल पहले कांग्रेस की नाव को संभाल ले क्योंकि राहुल के साथ कितने लोग पतवार बनकर साथ में खड़े हैं यह भी नजर नहीं आता. तीन लोगों के अलावा कोई उनके साथ नहीं दिखता कांग्रेस के भीतर ही राहुल गांधी और लोकप्रिय हो रहे हैं.''
उन्होंने कहा, ''अगर राहुल को प्रभाकरण की मौत पर दुख हुआ तो फिर तो राहुल को गोडसे को फांसी देने पर भी दुख हुआ होगा. इस तरीके के बयान मानसिक तौर पर दिवालियापन बयान कहे जा सकते हैं. हम आज भी उस प्रभाकरण की हत्या का स्वागत करते हैं. इंदिरा के हत्यारे हो या राजीव के या महात्मा गांधी के जिन लोगों ने भी हिंसा का सहारा लेकर हत्या की संस्कृति को आगे बढ़ाया, उनकी सज़ा कि हम प्रशंसा करते हैं. रावण भले ही विद्वान था लेकिन उसके कुकृत्य को सराहा नहीं जा सकता. लिहाजा गोडसे, सतवंत सिंह और बेअंत सिंह जैसे लोगों को सराहा नहीं जा सकता. यही दिखाता है कि राहुल गांधी के बयान कितने गंभीर होते हैं.''
राहुल गांधी ने क्या कहा था? कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाया गया आपातकाल एक 'गलती' थी. उन्होंने कहा कि उस दौरान जो भी हुआ वह 'गलत' था लेकिन मौजूदा समय से बिलकुल अलग था क्योंकि कांग्रेस ने कभी भी देश के संस्थागत ढांचे पर कब्जा करने का प्रयास नहीं किया. अमेरिका के कॉर्नेल विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु के साथ हुई बातचीत में गांधी ने कहा कि वह कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र के पक्षधर हैं.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी, देश को उसका संविधान दिया और समानता के लिए खड़ी हुई. आपातकाल पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि वह एक गलती थी। बिलकुल, वह एक गलती थी. और मेरी दादी (इंदिरा गांधी) ने भी ऐसा कहा था.”
आपातकाल के अंत में इंदिरा गांधी ने चुनाव की घोषणा की थी इस बाबत प्रणब मुखर्जी ने बसु से कहा था कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उन्हें हारने का डर था. इस संबंध में पूछे गए सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि आपातकाल में जो भी हुआ वह 'गलत' था और उसमें तथा आज की परिस्थिति में मूलभूत अंतर है.
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