कन्नौज: अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बयानबाजी के बाद AIIM मुखिया और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी का चौतरफा विरोध हो रहा है. यूपी के कन्नौज जिले में एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने ओवैसी पर बड़ा हमला बोला. साक्षी महाराज ने कहा कि ओवैसी मुसलमानों के ठेकेदार नहीं हैं, राममंदिर पर फैसले के बाद ओवैसी जैसे लोगों की राजनीतिक जमीन खिसक गई है.
साक्षी महाराज ने ओवैसी की तुलना गेहूं के खेत मे लगने वाले कंडवा रोग से कर डाली. उन्होंने कहा कि जैसे गेहूं के खेत मे कंडवा लग जाता है वैसे ही ओवैसी समाज मे जहर घोलने का काम कर रहे हैं.
साक्षी महाराज ने कहा था- गद्दारी की बात न करें ओवैसी
हाल ही में साक्षी महाराज ने असदुद्दीन ओवैसी द्वारा दिए गए बयान को लेकर उन्हें चेतावनी दी थी कि वह गद्दारी की बात न करें. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राम मंदिर को लेकर उनकी भविष्यवाणी सही साबित हुई.
साक्षी महाराज ने कहा कि जब औवेसी ने पहले कहा कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला (अयोध्या पर) होगा उसे स्वीकार किया जाएगा. तो अब वह क्यों गद्दारी की बातें कर रहे हैं. साथ ही साक्षी महाराज ने कहा कि ऐसे आदमी पर चर्चा कर उन्हें मशहूर करने की जरूरत नहीं है.
कांग्रेस 70 साल तक राममंदिर पर राजनीतिक करती रही- साक्षी महाराज
साक्षी महाराज ने कांग्रेस पर भी हमला बोला, उन्होंने कहा कि कांग्रेस 70 साल तक राममंदिर पर राजनीतिक करती रही. कभी ताला खोलने के नाम पर, कभी शिलान्यास के नाम पर तो कभी ढांचा ढहाने के नाम पर, सुप्रीमकोर्ट ने सैकड़ों साल पुराना विवाद 40 दिनों में सुलझाकर एक मिशाल पेश की.
सपा बसपा का कोई अस्तित्व नहीं- साक्षी महाराज
सपा बसपा के बारे में साक्षी महाराज ने कहा कि ये सब पार्टियां मर चुका हैं इनका कोई अस्तित्व नहीं रह गया है. अब हर तरफ सिर्फ मोदी ही मोदी हैं.
जनसंख्या नियंत्रण कानून पर साक्षी महाराज ने कहा कि 150 सांसदो ने कानून बनाने के लिए पत्र लिखा है. हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी धर्मों के लोगों को आगे आकर इस कानून को बनाने की मांग करनी चाहिए.
असदुद्दीन ओवैसी ने क्या कहा था?
एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था "मैं कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं हूं. सुप्रीम कोर्ट वैसे तो सबसे ऊपर है, लेकिन अपरिहार्य नहीं है."
उन्होंने कहा, "हम अपने अधिकार के लिए लड़ रहे हैं, हमें खैरात के रूप में पांच एकड़ जमीन नहीं चाहिए. हमें इस पांच एकड़ जमीन के प्रस्ताव को खारिज कर देना चाहिए. हम पर कृपा करने की जरूरत नहीं है."
ओवैसी ने आगे कहा, "अगर मस्जिद वहां पर रहती तो सुप्रीम कोर्ट क्या फैसला लेता. यह कानून के खिलाफ है. बाबरी मस्जिद नहीं गिरती तो फैसला क्या आता? जिन्होंने बाबरी मस्जिद को गिराया, उन्हें ट्रस्ट बनाकर राम मंदिर बनाने का काम दिया गया है."
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