बीजेपी सांसद की ‘कैंडल लाइट प्रेस कॉन्फ्रेंस’, कहा- कभी नहीं थी इतनी खराब स्थिति
Candle Light Press Conference: झारखंड की राजधानी रांची में बदहाल बिजली व्यवस्था को लेकर गुस्साए बीजेपी सांसद ने विरोध करने का अनोखा तरीखा अपनाया. उन्होंने कैंडल लाइट पीसी की.
Sanjay Seth Candle Light PC: झारखंड में बिजली कटौती की समस्या से नाराज बीजेपी सांसद संजय सेठ ने मोमबत्ती की रोशनी में प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. संजय सेठ का कहना है कि रांची में 6 से 8 घंटे बिजली नहीं रहती है. कभी-कभी तो रात में बिजली चली जाती है और सुबह के वक्त आती है. ऐसी स्थिति पिछले ढाई-तीन महीने से है.
संजय सेठ यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि मैंने अपनी राजनीति में बिजली की इतनी गंभीर समस्या नहीं देखी. बिहार के समय भी जब हम एक साथ थे, तब झारखंड में बिजली की स्थित इतनी खराब नहीं थी. उन्होंने कहा कि बिजली आपूर्ति का आलम यह है कि उद्योग धंधे बंद होने के कगार पर हैं. लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट आ खड़ा हुआ है. माननीय उच्च न्यायालय की टिप्पणी के बाद भी यह सरकार भ्रष्टाचार में मस्त है.
सोरेन सरकार पर साधा निशाना
संजय सेठ ने झाखंड की सोरेन सरकार पर हमला करते हुए कहा कि झारखंड की बदहाली के लिए झूठी, भ्रष्ट और मक्कार यूपीए सरकार है. ये सरकार स्वास्थ्य, शिक्षा, कानून व्यवस्था सहित हर मुद्दे पर फेल हो चुकी है. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण, इसी एजेंडे पर यह सरकार चल रही है. रांची, मेन रोड में हुए दंगे की जांच फाइल को बंद करना इसका उदाहरण है.
झारखंड: रांची में BJP सांसद संजय सेठ ने बिजली कटौती के विरोध में मोमबत्ती जलाकर प्रेस कांफ्रेंस की।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 30, 2022
संजय सेठ ने कहा, "रांची में 6-8 घंटे बिजली नहीं रहती है, कभी-कभी तो रात में बिजली जाती है और सुबह में आती है। यह स्थिति पिछले ढ़ाई से तीन महीने से है।" (1/2) pic.twitter.com/yVosuhDRi7
उन्होंने कहा कि इसी व्यवस्था के बल पर बाहर से निवेशकों को बुलाने को रोड शो होता है. 500 करोड़ के भुगतान के चलते बिजली सेवा लचर है. स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली पर भी उन्होंने सरकार को कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा कि उम्मीद थी कि नये डायरेक्टर के आने के बाद रिम्स के हालात सुधरेंगे, लेकिन हालात नहीं सुधरे. हालात यह है कि रिम्स में अब मामूली पैथोलॉजी जांच भी नहीं हो पा रही है.
रिम्स शासी परिषद की बैठक केवल एजेंडा पास होते हैं. स्वास्थ्य मंत्री भी सिर्फ फीता काटने में व्यस्त हैं. सांसद ने कहा कि 6 दिसंबर को होने वाली शासी परिषद की बैठक में वे जोरदार विरोध करेंगे.
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