(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
शत्रुघ्न सिन्हा का आरोप, खुद भी विपक्ष में रहने के दौरान बीजेपी ने नहीं चलने दी थी संसद
अभिनेता शत्रुघ्न ने ट्वीट्स के जरिए आरोप लगाया कि बीजेपी, जो कि वर्तमान विपक्षी दलों पर इसके लिए आरोप मढ़ रही है, ने भी स्वयं विपक्ष में रहने के दौरान संसद की कार्यवाही नहीं चलने दी थी.
पटना: बीजेपी के असंतुष्ट माने जा रहे नेता सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने बीजेपी सांसदों के राष्ट्रव्यापी उपवास का आज उपहास उड़ाया. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने खुद भी विपक्ष में रहने के दौरान संसद की कार्यवाही नहीं चलने दी थी. बता दें कि बजट सत्र के दूसरे चरण में संसद की कार्यवाही न चलने देने के विपक्ष के रवैये के खिलाफ आज बीजेपी नेताओं ने उपवास किया.
What is reason Sir behind this Upwaas (fast) - Is it for the Parliament not running smoothly? Is the opposition entirely responsible for it?... Many a times in the past when we were in the opposition, we did not let it work for days, weeks & months....1>2
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) April 12, 2018
सिने अभिनेता शत्रुघ्न ने ट्वीट्स के जरिए आरोप लगाया कि बीजेपी, जो कि वर्तमान विपक्षी दलों पर इसके लिए आरोप मढ़ रही है, ने भी स्वयं विपक्ष में रहने के दौरान संसद की कार्यवाही नहीं चलने दी थी. पटना साहिब से बीजेपी सांसद शत्रुघ्न ने पूछा कि इस उपवास के पीछे कारण क्या है. क्या संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल पायी. संसद में गतिरोध के लिए क्या विपक्षी दल पूरी तरह से जिम्मेदार हैं. पहले कई बार हम लोग जब विपक्ष में थे तो कई दिनों, सप्ताह यहां तक कि महीनों तक संसद की कार्यवाही नहीं चलने दी थी.
I recall once was because of Hon'ble Sukh Ram ji...who we later invited to join our party, with due respect to him & his son Anil Sharma who is part of the Govt. in Himachal. I also recall disruption on the issue of Hon'ble Shibhu Soren!!....2>3
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) April 12, 2018
विदेश यात्रा पर गए शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि तत्कालीन नरसिंह राव सरकार में सूचना और दूरसंचार मंत्री रहे सुखराम और हिमाचल सरकार का हिस्सा रहे अनिल शर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले को लेकर सदन में हंगामा किया गया था. तब उपवास में शामिल कई बीजेपी नेताओं ने पूर्व में यह बयान दिया था कि सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाना पूरी तरह से सत्तापक्ष की जिम्मेदारी होती है. आज हमारा इस मामले में क्या रुख है उसे स्पष्ट किया जाना चाहिए.