कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस विधायक सत्यजीत बिस्वास की हत्या के मामले में पश्चिम बंगाल सीआईडी द्वारा दायर दूसरे पूरक आरोप पत्र में बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय का नाम ‘षडयंत्रकारी’ के रूप में लिया गया है. एजेंसी के सूत्रों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पूरक आरोप पत्र शनिवार को नदिया जिले में रानाघाट की एक अदालत में दायर किया गया.


उन्होंने कहा कि फरवरी 2019 में बिस्वास की हत्या के मामले की जांच के दौरान षडयंत्रकारी के रूप में रॉय की सक्रिय भागीदारी, का पता लगा. इससे पहले सीआईडी के अधिकारियों ने इस संबंध में बीजेपी नेता से पूछताछ की थी. हालांकि, राज्य एजेंसी ने पिछले साल मई में दायर पहले आरोपपत्र में उन्हें नामजद नहीं किया था.


संपर्क किए जाने पर रॉय ने आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि उन्होंने कभी भी हिंसा की राजनीति में विश्वास नहीं किया. रॉय ने कहा, ‘‘मेरे खिलाफ कम से कम 45 मामले लंबित हैं. मैं हिंसा की राजनीति में विश्वास नहीं करता और इस तरह की चीजों में कभी शामिल नहीं होता. मैं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जो पुलिस मंत्री भी हैं, को चुनौती देता हूं कि वह लोगों के बीच कहें कि क्या मेरी रूचि इस तरह की है.’’


उन्होंने कहा, ‘‘मैं ऐसी चीजों में उस समय भी शामिल नहीं था, जब मैं उनकी (ममता की) पार्टी में था और अब भी नहीं हूं, जब मैं एक अन्य राजनीतिक दल का सदस्य हूं.’’


बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने रॉय के खिलाफ सीआईडी की कार्रवाई को मुख्यमंत्री बनर्जी की साजिश बताया. उन्होंने कहा, ‘‘ममता बनर्जी की साजिश जारी है. मुकुल रॉय के खिलाफ हत्या का झूठा आरोप दिखाता है कि कैसे वह अपनी साजिश से विपक्ष को दबाने की कोशिश कर रही है.’’


सीआईडी अधिकारियों ने इस मामले के सिलसिले में इस साल सितंबर में दायर एक अन्य पूरक आरोप पत्र में बीजेपी सांसद जगन्नाथ सरकार को नामजद किया था. तृणमूल विधायक बिस्वास की फरवरी 2019 में नदिया जिले में सरस्वती पूजा कार्यक्रम के दौरान गोली मार कर हत्या की दी गयी थी.