Nabanna Chalo Campaign: नबान्न चलो अभियान पर BJP-TMC फिर आमने-सामने, बिना अनुमति यात्रा निकालने पर अड़ी भाजपा
Bengal BJP ने आज से नबान्न चलो अभियान के लिए पूरी तैयारियां कर रखी हैं. वहीं पुलिस ने सोमवार देर शाम लेटर भेजकर बताया कि इस यात्रा को अनुमति नहीं दी जा सकती. ऐसे में आज टकराहट हो सकती है.
BJP Nabanna Chalo Campaign in West Bengal: भारत में इन दिनों सियासी पारा हाई होता जा रहा है. कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा अभी चल ही रही है, इसे लेकर रोज बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर हमलावर हो ही रही है. अब पश्चिम बंगाल में भी टकराहट की एक पिच तैयार होती दिख रही है. यह पिच भी यात्रा को लेकर ही है.
दरअसल, यहां भारतीय जनता पार्टी की इकाई ने आज से ममता बनर्जी के खिलाफ नबान्न चलो अभियान का आह्वान किया है. इसे लेकर बीजेपी पूरी तरह से तैयार है. वहीं पश्चिम बंगाल सरकार ने इस यात्रा को अनुमति देने से इनकार कर दिया है. ऐसे में आज एक बार फिर दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के बीच टकराहट नजर आ सकती है.
क्या कहना है बीजेपी का
पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष एस मजूमदार (S Majumdar) ने नबान्न अभियान की मंजूरी नहीं मिलने पर ममता सरकार पर हमला बोला है. मजूमदार ने टीएमसी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि जनता चोरों से प्रदर्शन करने की परमिशन क्यों लेगी? उन्होंने राज्य पुलिस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पुलिस टीएमसी कार्यकर्ताओं की तरह व्यवहार कर रही है. उन्होंने कहा कि हमने पिछली बार भी जब नबान्न मार्च निकाला था उस समय भी हमें रोकने के लिए धारा 144 लगाई दी गई थी. मजूमदार ने कहा कि बंगाल को बचाने की लड़ाई में हम एक बार फिर से यह मार्च निकालेंगे. वहीं पुलिस ने इस यात्रा के लिए अनुमति से साफ इनकार कर दिया है. ऐसे में कल फिर झड़प नजर आ सकती है.
बीजेपी का क्यों है इस यात्रा पर इतना जोर
दरअसल, पश्चिम बंगाल में अगले साल पंचायत चुनाव हैं. पंचायत चुनाव से पहले सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी ताकत बढ़ाने में जुटी हैं. सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस की तरह बीजेपी भी अपनी ताकत को बढ़ाने में जुटी है बीजेपी ने कहा नबान्न अभियान में झंडा और डंडा साथ लेकर जाएंगे. उन्होंने कहा, “तृणमूल ने कविता की लाइन ही बदल दी है. तृणमूल कांग्रेस को तोला के अलावा कुछ नहीं पता. अधिक भुगतान नहीं करने वाले जिलाध्यक्ष का तबादला कर दिया जाता है. पार्टी के कई नेता रिश्वत में पकड़े जा चुके हैं. इसके बाद भी पार्टी सुधरने का नाम नहीं ले रही.
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