BJP Proposal Against Congress: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का राष्ट्रीय अधिवेशन दिल्ली के भारत मंडपम में हो रहा है. रविवार (18 फऱवरी) को बीजेपी के दिग्गज नेता और गृह मंत्री अमित शाह कांग्रेस के खिलाफ एक प्रस्ताव लेकर आए जिसमें उसे अस्थिरता की जननी और महागठबंधन इंडिया को कलह, कटुता और कुनीति का पर्याय बताया. इसके साथ ही राम मंदिर पर भी एक प्रस्ताव लाया गया.
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी की ओर से जारी किए गए प्रस्ताव में कांग्रेस पर जबरदस्त हमला किया गया. प्रस्ताव में कहा गया है, “कांग्रेस अस्थिरता की जननी है और इंडिया गठबंधन कलह, कटुता, कुनीति का पर्याय. इस गठबंधन का विचित्र मेल है. कांग्रेस गरीब विरोधी है. कांग्रेस और उसके सहयोगी दल भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे हुए हैं. कांग्रेस की नीतियां विभाजनकारी हैं और भारतीय संस्कृति पर आघात करने वाली. हर प्रगतिशील कदम का कांग्रेस ने विरोध किया. कभी समर्थन कभी विरोध की ढुलमुल राजनीति. इंडी गठबंधन द्वारा हिंसा और अराजकता की राजनीति की जाती है. कांग्रेस का पतन सुनिश्चित है.
क्या बोले अमित शाह?
महा अधिवेशन के संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा, “ये घमंडिया गठबंधन भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण की राजनीति का पोषक है और बीजेपी एवं NDA गठबंधन राष्ट्र प्रथम के सिद्धांत पर चलने वाला गठबंधन है. दलित, आदिवासी और पिछड़े समाज का एक वोटबैंक की तरह कांग्रेस और इंडी अलायंस बहुत उपयोग किया लेकिन उन्हें पहली बार सम्मान और हिस्सेदारी देने का काम बीजेपी की मोदी सरकार ने किया.”
कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी पर भी निशाना
कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ आम आदमी पार्टी (आप) पर हमला करते हुए अमित शाह, “जब कांग्रेस इतना भ्रष्टाचार करती है तो साथी भला क्यों पीछे रहेंगे. आम आदमी पार्टी ने शराब घोटाला, मोहल्ला क्लीनिक और न जाने कितने घोटाले किए. इन्होंने ने लोगों के मेडिकल टेस्ट करने में भी घोटाला किया. इसी वजह से आज इनका सारा नेतृत्व कोर्ट और एजेंसियों से दूर भाग रहा है.”
राम मंदिर पर भी आया प्रस्ताव
इसके अलावा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राम मंदिर पर प्रस्ताव पेश किया. उन्होंने कहा, “ये राष्ट्रीय सम्मेलन भूमि पूजन के बाद चार साल से भी कम समय में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हार्दिक बधाई देता है. हम में से किसी ने नहीं सोचा था कि ऐसा समय आएगा कि राम मंदिर बनेगा और रामलला लौटेंगे.”
प्रस्ताव में कहा गया, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हर भारतीय का सपना साकार हुआ. उन्होंने राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को एक उत्सव बना दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में न सिर्फ भगवान राम का मंदिर बनाया गया बल्कि उन्होंने पिछले 10 सालों में राम राज्य की अवधारणा को प्रभावी ढंग से लागू किया है.”