BJP नेतृत्व ने दिलीप घोष को लिखा पत्र, कहा- मीडिया में बयानबाजी से रहें दूर
BJP Letter to Dilip Ghosh: बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव अरूण सिंह (Arun Singh) ने पार्टी लीडर दिलीप घोष को लिखे लेटर में उन्हें किसी भी पब्लिक प्लेटफॉर्म पर कलीग्स पर कुछ भी बोलने से परहेज करने को कहा है.
BJP Letter to Dilip Ghosh: बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरूण सिंह (Arun Singh) ने पार्टी लीडर दिलीप घोष (Dilip Ghosh ) को लेटर लिखा है. इस लेटर में एक तरह से पार्टी महासिचव की नाराजगी झलक रही है. इसमें उन्होंने घोष को मीडिया हो चाहे और कोई सार्वजनिक मंच उससे दूरी बनाने और खुद के ही पार्टी सदस्यों की बुराई करने से परहेज करने को कहा है. उन्होंने सलाह दी है कि पश्चिम बंगाल हो या अन्य कोई स्टेट वहां अपने ही पार्टी के लोगों के बारे में कुछ कहने से बचना चाहिए.
क्यों है बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व दिलीप घोष से नाराज ?
पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (BJP)के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष (Dilip Ghosh )को लेकर पार्टी का आलाकमान खुश नहीं है. इसलिए बीजेपी महासचिव सिंह ने घोष को लेकर लिखित में अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है. दिलीप घोष से इस नाराजगी की वजह हाल ही में उनके पब्लिक मंचों पर दिए बयानों को माना जा रहा है.
BJP National General Secretary Arun Singh writes to party leader Dilip Ghosh to "refrain from going to media or any public fora, about your own colleagues either in state of West Bengal or anywhere else." pic.twitter.com/KPn36Pz9Jl
— ANI (@ANI) May 31, 2022
लेटर में है नसीहत और चेतावनी भीः
महासचिव दिलीप ने घोष को लिखे लेटर में कहा है कि पश्चिम बंगाल में पार्टी के अध्यक्ष, विधानसभा में विधायक और अब राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सांसद होने के नाते पार्टी सदस्य उनकी तरफ दिशानिर्देश, सहयोग और प्रोत्साहन के लिए देखते हैं. उन्होंने बंगाल बीजेपी का अध्यक्ष रहते हुए जिन अच्छे कामों को शुरू किया था पार्टी के लोग उसे जारी रखने के लिए उनसे सहयोग चाहते हैं. सिंह ने आगे लिखा है कि हाल के इंटरव्यू में उनके दिए बयानों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि पार्टी के प्रति उनकी वफादारी पर संशय नहीं है, लेकिन कुछ ऐसी घटनाएं हुई हैं जहां उनके दिए बयानों से प्रदेश में पार्टी के नेताओं को नाराजगी हैं. उनके ये बयान बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के लिए भी शर्म की वजह बने हैं.