दो दिवसीय दौरे पर कोलकाता पहुंचे जेपी नड्डा, बीजेपी दफ्तर के बाहर लगे 'गो बैक' के नारे
अगले साल पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में बीजेपी लगातार यहां पर अपना पैठ जमाने की कोशिश कर रही है. बीजेपी को 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान शानदार सफलता मिली थी और वह यहां की 42 लोकसभा सीटों में से 18 सीट जीतने में कामयाब रही थी.
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा दो दिवसीय दौरे पर बुधवार को कोलकाता पहुंचे हैं. वह जैसे ही कोलकाता में बीजेपी ऑफिस पहुंचे कुछ लोगों ने ऑफिस के बाहर हंगामा शुरू कर दिया और गो बैक के नारे लगाए. जेपी नड्डा कोलकाता के हेस्टिंग एरिया में बीजेपी के चुनाव प्रबंधन कार्यालय का उद्घाटन करने पहुंचे थे. वहां पर हंगामा करने वाले लोग नए कृषि कानूनों को लेकर उनका इस तरह से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे.
हैरानी की बात ये रही कि इस घटना के वक्त वहां पर स्थानीय पुलिस पूरी तरह से नदारद थी. हंगामा करनेवालों के बारे में बताया जा रहा है कि ये तृणमूल कांग्रेस समर्थक थे.
West Bengal: BJP national president Jagat Prakash Nadda arrives in Kolkata. https://t.co/bc1o4a8lDB pic.twitter.com/5xu0ejyJ78
— ANI (@ANI) December 9, 2020
जेपी नड्डा दोपहर करीब 3 बजे भवानीपुर पहुंचेंगे. भवानीपुर ही वो सीट है जहां से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी विधायक हैं. जेपी नड्डा भवानीपुर में बीजेपी के 'और नहीं अन्याय कैंपन' का हिस्सा बनेंगे. साथ ही लोकल लेवल पर कार्यकर्ताओं से बातचीत करेंगे. अगले दिन नड्डा जिस हायमंड हार्बर का दौरा करने वाले हैं वहां से ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी सांसद हैं. नड्डा यहां मछुआरों के प्रतिनिधियों से मिलने वाले हैं. ममता और इनके भतीजे अभिषेक की विधानसभा सीट पर नड्डा के प्रचार का सीधा मकसद है तृणमूल कांग्रेस की जड़ पर प्रहार. जेपी नड्डा आज शाम कोलकाता के मशूहर कालीघाट मंदिर भी जाएंगे जो भवानीपुर से सटा हुआ है. पिछले महीने गृह मंत्री अमित शाह ने भी यहां माता का आशीर्वाद लेकर बंगाल चुनाव में जीत का संकल्प लिया था.
बंगाल में मिशन 200 प्लस के लक्ष्य के साथ जैसे जैसे बीजेपी का प्रचार आगे बढ़ रहा है उसे तृणमूल से तीखी चुनौती भी मिल रही है. सोमवार को सिलीगुड़ी में विरोध मार्च के दौरान बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या के बाद ये तल्खी और बढ़ गई है. बीजेपी का आरोप है कि तृणमूल के कार्यकर्ताओं ने पुलिस के साथ मिलकर इस हत्या को अंजाम दिया लेकिन ममता इसे बीजेपी की चाल बता रही हैं.गौरतलब है कि अगले साल पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में बीजेपी लगातार यहां पर अपना पैठ जमाने की कोशिश कर रही है. बीजेपी को 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान शानदार सफलता मिली थी और वह यहां की 42 लोकसभा सीटों में से 18 सीट जीतने में कामयाब रही थी. जबकि, टीएमसी सिर्फ 22 सीटों पर ही सिमट गई थी.
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