नई दिल्ली: 18 फरवरी 2018 देश की सत्तारुढ पार्टी भारतीय जनता पार्टी के दफ्तर का पता बदल गया. पीएम नरेन्द्र मोदी ने दीनदयाल उपाध्याय मार्ग स्थित बीजेपी के नए मुख्यालय का उदघाटन किया. इस खास मौके पर पीएम मोदी ने बड़ा बयान दिया. एनडीए के अंदर से उठ रही आवाजों के बीच पीएम मोदी ने कहा है कि वो सबको साथ लेकर चलेंगे. 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले पीएम का ये बयान कई मायनों में अहम है.


मौका बीजेपी के नए मुख्यालय के उद्घाटन का था लेकिन पीएम मोदी ने उद्घाटन करने के बाद बीजेपी के सहयोगी दलों को मंच से संदेश दिया. 2019 की जंग को देखते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अपने सहयोगी दलों को साथ लेकर चलना बीजेपी के संस्कारों में शामिल है.


पीएम मोदी का ये बयान 2019 के चुनाव से पहले एनडीए यानी बीजेपी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में मची भगदड़ के लिए काफी अहम है. सहयोगी दलों को ऐसा संदेश देने की जरूरत पीएम को इसलिए पड़ी क्योंकि कई छोटे दल बीजेपी से नाराज चल रहे हैं.


एनडीए में बीजेपी से नाराज चल रहे दल और उनकी ताकत
- पार्टी की सबसे पुरानी और प्रमुख गठबंधनों में से एक शिवसेना नाराज है. पार्टी लोकसभा चुनाव बीजेपी के साथ नहीं लड़ना चाहती. लोकसभा में इस वक्त शिवसेना के 18 सांसद हैं.


- चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी भी नाराज है, उसके 16 सांसद है, हालांकि उसने गठबंधन नहीं तोड़ा है.


- इसके अलावा यूपी बीजेपी की सरकार में शामिल भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर भी बीजेपी से खुश नहीं हैं.


- राजभर की पार्टी के भले ही एक भी सांसद न हो लेकिन यूपी में 42 विधानसभा सीटों पर राजभर जाति के अहम 8 फीसदी वोट पड़ते है.


- यूपी के अलावा बिहार में हिंदुस्तान अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी भी नाराज चल रहे हैं, और लालू से करीबी के कयास हैं.


- बिहार में तीन सांसद वाली उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी भी एनडीए से खुश नहीं है, उसने 2019 के लिए लिए पांच सीटों पर अपना दावा किया है.


एनडीए में मचे इस घमासान की एक वजह पीएम मोदी की लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की मांग है. क्षेत्रीय घटक दलों को डर है कि कही बीजेपी ऐसे हालातों में फायदा न उठा ले जाए. सहयोगी दलों के इसी डर को देखते हुए आज पीएम मोदी ने इशारो-इशारों में सबको भरोसा दिया है.