वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र में स्थित दक्षिण वाराणसी से सात बार के विधायक श्यामदेव राय चौधरी का टिकट काटने के बाद बीजेपी मुश्किल में है. वाराणसी के मझधार में फंसी बीजेपी ने नाराज़ श्यामदेव राय चौधरी को एमएलसी बनाने का फैसला किया है.


अपने इलाके में दादा के नाम से मशहूर श्यामदेव राय चौधरी का बीजेपी ने टिकट काट दिया था, लेकिन उनकी नाराज़गी के नुकसान को भांपते हुए बीजेपी मनाने में जुट गई. बीते कई दिनों से बड़े नेता दादा को मनाने में लगे हैं, लेकिन बात नहीं बनी है.


अब बीजेपी ने दादा को एमएलसी बनाने का लालच दिया है. हालांकि, अब तक साफ नहीं है कि दादा इस ऑफर से मानेंगे या नहीं. इस ऑफर पर अब तक दादा की प्रतिक्रिया नहीं आई है.


बीजेपी के लिए मुश्किल ये है कि वाराणसी की 8 में सात सीटों पर बीजेपी को मुश्किल का सामना है. विश्लेषकों की राय ये है कि अगर दादा नहीं माने तो इसका खासा नुकसान बीजेपी को चुनावों में झेलना पड़ सकता है.


क्यों बीजेपी को श्यामदेव राय चौधरी का डर है?


श्यामदेव राय चौधरी का जब टिकट काटा गया था तब स्थानीय लोगों ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया था. दरअसल, श्यामदेव राय चौधरी अपने इलाके में सात बार के विधायक तो हैं ही, साथ-साथ खासे लोकप्रिय भी हैं.


स्थानीय लोगों का कहना है कि वो बहुत ही आसानी से उपलब्ध होते हैं. छोटे-छोटे आयोजनों में जनता के साथ देखे जाते हैं. हरदम अपनी जनता की परेशानी दूर करने के लिए अपने कदम आगे बढ़ाने में थोड़ा भी संकोच नहीं करते. ऐसा नामुमकिन है कि दादा को कोई अपने घर बुलाए और वो हाज़िर न हो. उनकी ये सरतला उन्हें अपने इलाके का दादा बनाता है.


श्यामदेव राय चौधरी की यही आदत और जनसेवा का भाव लोगों को खासा प्रभावित करता है.


चूक कैसे हुई?


बताया जाता है कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को भी श्यामदेव राय चौधरी के टिकट काटे जाने के मुद्दे पर आगाह किया गया तब अमित शाह ने पार्टी के उस नेता को डांट दिया था.