(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
TMC के खिलाफ विज्ञापन पर रोक का मामला: आप अगली पीठ का रुख क्यों नहीं करते? सुप्रीम कोर्ट ने पूछा तो बीजेपी ने कर दी ये अपील
कलकत्ता हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एकल पीठ के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कहा था कि लक्ष्मण रेखा का पालन किया जाना चाहिए और किसी भी राजनीतिक दल को कोई व्यक्तिगत हमला नहीं करना चाहिए.
भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पश्चिम बंगाल इकाई ने लोकसभा चुनाव प्रक्रिया के दौरान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाला कोई भी विज्ञापन प्रकाशित नहीं करने संबंधी कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. बीजेपी हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ शुक्रवार (24 मई) को सुप्करीम कोर्ट पहुंची
कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने बुधवार (23 मई) को एकल पीठ के उस आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था, जिसमें बीजेपी को लोकसभा चुनाव प्रक्रिया के दौरान आदर्श आचार संहिता (MCC) का उल्लंघन करने वाला कोई भी विज्ञापन प्रकाशित नहीं करने का निर्देश दिया गया था.
मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मिथल की अवकाश पीठ के समक्ष उल्लेख किया गया. मामले का उल्लेख करने वाले वकील सौरभ मिश्रा ने पीठ से कहा कि हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने 22 मई को आदेश पारित किया था.
पीठ ने पूछा, 'आप अगली अवकाश पीठ का रुख क्यों नहीं करते?' वकील ने पीठ से कहा कि हाईकोर्ट ने भाजपा पर लोकसभा चुनाव के दौरान चार जून तक विज्ञापन जारी करने पर रोक लगा दी है.
वकील ने पीठ से कहा, 'कृपया इस पर सोमवार (27 मई) को सुनवाई करें.' पीठ ने कहा, 'हम विचार करेंगे.' हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एकल पीठ के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कहा था कि लक्ष्मण रेखा का पालन किया जाना चाहिए और किसी भी राजनीतिक दल को कोई व्यक्तिगत हमला नहीं करना चाहिए.
खंडपीठ ने 20 मई के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कहा था कि भाजपा इस आदेश की समीक्षा करने या इसे वापस लेने का अनुरोध करते हुए एकल पीठ का रुख कर सकती है. बीजेपी ने यह दावा करते हुए खंडपीठ के समक्ष याचिका दायर की थी कि एकल पीठ ने बिना कोई सुनवाई किए आदेश पारित कर दिया. बीजेपी के वकील ने यह भी कहा था कि संविधान के तहत यह प्रावधान है कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान किसी भी विवाद के मामले में निवारण के लिए निर्वाचन आयोग उपयुक्त प्राधिकारी है.
कलकत्ता हाईकोर्ट ने 20 मई को एक आदेश जारी कर भाजपा को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले विज्ञापन प्रकाशित करने से चार जून तक रोक दिया था. लोकसभा चुनाव प्रक्रिया चार जून को समाप्त होगी. अदालत ने आदेश में बीजेपी को उन विज्ञापनों को प्रकाशित करने से भी रोक दिया था, जिनका उल्लेख तृणमूल कांग्रेस ने अपनी याचिका में किया था. तृणमूल कांग्रेस ने विज्ञापन में पार्टी और कार्यकर्ताओं के खिलाफ असत्यापित आरोप लगाए जाने का दावा किया है.
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