Sharad Pawar: बीजेपी (BJP) ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) के इस बयान की निंदा की कि "मुस्लिम अल्पसंख्यकों ने बॉलीवुड में सबसे अधिक योगदान दिया है." बीजेपी ने सवाल किया कि राकांपा के संरक्षक वोट बैंक के नाम पर कला और सिनेमा को क्यों विभाजित कर रहे हैं? बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला, बीजेपी नेता राम कदम और फिल्म डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने भी पवार के बयान की निंदा की है.
"क्या सिनेमा और कला का एक धर्म होता है?"
बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने शरद पवार की टिप्पणी के एक दिन बाद ट्वीट किया, "दादासाहेब फाल्के, किशोर कुमार, लता मंगेशकर, आशा भोसले, स्मिता पाटिल, माधुरी दीक्षित आदि का क्या." वे यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे लिखा, "तो आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता लेकिन कला और सिनेमा का एक धर्म होता है पवार साहब?" इसके आगे उन्होंने लिखा, "लेकिन हम उस पार्टी से क्या उम्मीद कर सकते हैं जिसके मंत्री नवाब मलिक डी कंपनी के साथ संबंधों के लिए जेल में हैं!"
राम कदम ने पूछा- इस विचार के पीछे क्या साजिश है?
शरद पवार के बयान का विरोध करते हुए बीजेपी नेता राम कदम ने अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना, किशोर कुमार, लता मंगेशकर का जिक्र किया और पूछा कि क्या वह इंडस्ट्री में उनके योगदान से इनकार कर सकते हैं. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "दादा साहब फाल्के ने फिल्म इंडस्ट्री को स्थापित किया. क्या वे वोट बैंक की राजनीति के लिए कला या प्रतिभा को धर्म के नाम पर विभाजित करना चाहते हैं. इस विचार के पीछे साजिश क्या है?"
विवेक अग्निहोत्री ने भी पवार पर साधा निशाना
कश्मीर फाइल्स (Kashmir Files) के निदेशक विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) ने भी शरद पवार के बयान पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि जब वह मुंबई आए तो शरद पवार राजा थे. अग्निहोत्री ने ट्वीट किया, "किसी भी राजा की तरह, उनकी पार्टी ने भी कर एकत्र किया. कई बॉलीवुडियों ने उदारता से योगदान दिया. बदले में उन्हें अपना राज्य बनाने की अनुमति दी गई. मुझे हमेशा आश्चर्य होता है कि वे लोग कौन थे. शनिवार को शरद पवार के बयान ने उनके सभी संदेहों को दूर कर दिया."
शरद पवार के किस बयान से मचा बवाल?
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को नागपुर में विदर्भ मुस्लिम बौद्धिक मंच द्वारा आयोजित 'भारतीय मुसलमानों से पहले के मुद्दे' नामक एक कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि, "अगर आज हम कला, कविता और लेखन की बात करें तो इन वर्गों में योगदान करने की सबसे अधिक क्षमता अल्पसंख्यकों में है. बॉलीवुड में सबसे ज्यादा योगदान किसने दिया है? मुस्लिम अल्पसंख्यकों ने सबसे अधिक योगदान दिया और इसे हम नजरअंदाज नहीं कर सकते."
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