सूत्रों के अनुसार, शाह ने कहा कि लोगों ने बार-बार राज्यों और केंद्र में भाजपा की सरकारों में अपना विश्वास व्यक्त किया है तथा कांग्रेस को खारिज कर दिया है. भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पार्टी का लक्ष्य इस अभियान में 10 करोड़ से अधिक सदस्य बनाना है जिसमें वे राज्य शामिल नहीं होंगे जहां आने वाले महीनों में चुनाव में होने हैं.
कितनी थी पार्टी की सदस्यता संख्या?
पिछली ऐसी कवायद के बाद पार्टी की सदस्यता संख्या 18 करोड़ थी और पात्रा ने उम्मीद जताई कि जब हर जगह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तो इस आंकड़े को पार कर लिया जाएगा. कम से कम आधे राज्यों में अभियान खत्म होने के बाद पार्टी को नए अध्यक्ष का चुनाव होने की उम्मीद है. शनिवार (17 अगस्त) को हुई बैठक में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, संगठन से जुड़े प्रमुख नेताओं और राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने भाग लिया.
पात्रा ने कहा कि यह सदस्यता अभियान के लिए एक प्रशिक्षण कार्यशाला की तरह थी. उन्होंने कहा कि संबंधित कवायद में हर जाति, धर्म और समुदाय को शामिल किया जाएगा जो सर्वसमावेशी और सर्वव्यापी होगी.उन्होंने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े इस अभियान के संयोजक होंगे और पार्टी उपाध्यक्ष रेखा वर्मा सह-संयोजक होंगी.
क्या बोले अमित शाह?
अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि भाजपा एक कार्यकर्ता-आधारित पार्टी है जो एक मजबूत विचारधारा से प्रेरित है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विस्तार के लिए इसकी निरंतर कड़ी मेहनत ने इसे 1984 में जीती गई केवल दो लोकसभा सीटों से राष्ट्रीय राजनीति में वर्तमान में प्रमुख स्थान पर पहुंचा दिया है.
उन्होंने कहा कि सत्ता बरकरार रखने में कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड खराब है और उसके विपरीत केंद्र तथा राज्यों में भाजपा की सरकार अकसर पुन: निर्वाचित होती हैं. सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब कई राज्यों में एक गंभीर राजनीतिक ताकत के रूप में मौजूद नहीं है. पात्रा ने कहा कि नए सदस्य चार तरीकों-जल्द ही घोषित होने वाले मोबाइल नंबर पर कॉल करने, क्यूआर कोड स्कैन करने, नमो ऐप और भाजपा की वेबसाइट के जरिए बनाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि हालांकि, दूरदराज के इलाकों में पार्टी नए सदस्यों को नामांकित करने के लिए पारंपरिक कागजी पद्धति का उपयोग करेगी.
क्या कहते हैं आंकड़े?
इस बैठक में कहा गया कि जो राज्य अभी चुनाव में जाने वाले है वहां सदस्यता अभियान बाद में होगा. 2014-15 में करीब 11 करोड़ लोगों ने सदस्यता ग्रहण की थी और 2019 तक बीजेपी की 19 करोड़ लोगों ने सदस्यता ग्रहण की थी. 1 सितंबर से 4 आयामों से सदस्यता अभियान चलाने का बात कही गई है.
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