BJP Plan For Karnataka Election 2023: कर्नाटक की सत्ता में फिर से वापसी को लेकर बीजेपी ने मेगा प्लान तैयार किया है. संगठन और सरकार में सोशल समीकरण के दम पर विधानसभा चुनाव जीतने का रोड मैप बीजेपी तैयार कर रही है. भावी रणनीति में सबसे बडे़ हथियार लिंगायत समुदाय के साथ वोकालिंगा समाज को भी साधने पर पूरा जोर लगाया जा रहा है. इसके लिए बीजेपी अपने लोकप्रिय नेताओं को मैदान में उतार रही है. गृहमंत्री अमित शाह हाल में दो दिन कर्नाटक रहकर आए हैं. गृहमंत्री ने कर्नाटक में पार्टी के ग्रासरूट नेताओं के साथ बैठक कर पार्टी की रणनीति को अमली जामा पहनाने का काम शुरू कर दिया है.


कर्नाटक में वापसी के लिए बीजेपी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. इसलिए एक के बाद एक बड़े नेताओं के दौरे लगाए जा रहे हैं. गृहमंत्री अमित शाह के बाद इस महीने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और पीएम नरेंद्र मोदी और महीने के अंत तक एक बार फिर शाह का दौरा प्रस्तावित है. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा आगामी 5, 6 और 7 जनवरी को कर्नाटक का दौरा करेंगे.


इस दौरान नड्डा कर्नाटक में कार्यकर्ताओं की बैठक और जनसभा को भी संबोधित करेंगे, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस पर कर्नाटक के हुबली में युवाओं की एक विशाल सभा को संबोधित करेंगे. महीने के अंत में 28 जनवरी को गृहमंत्री अमित शाह फिर एक बार कर्नाटक के हुबली के दौरे पर रहेंगे. वहां वो पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात और एक सभा को संबोधित करने के साथ कोर कमेटी के साथ मिशन कर्नाटक के मेगा प्लान पर चर्चा करेंगे.


क्या है बीजेपी का मेगा प्लान?


कर्नाटक में अब तक बीजेपी का पूरा फोकस लिंगायत समुदाय पर रहता था. लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी दूसरे सबसे बडे़ समुदाय वोकालिंगा वोट पर फोकस करने की योजना में है. बीजेपी का मानना है कि लिंगायत के साथ अगर वोकालिंगा का पूरा समर्थन यदि बीजेपी को मिलता है तो बीजेपी के जीतने की संभावना शत प्रतिशत बढ़ जाएगी. क्योंकि अब तक वोकालिंगा समुदाय पर जेडीएस का एकाधिकार माना जाता था. पिछले चुनाव में कर्नाटक के मैसुरू रीजन के रिजल्ट भी इस बात का सुबूत देते हैं. इस मिथक को इस बार बीजेपी तोड़ने की जुगत में है.


बता दें कि 30 दिसंबर को अपने दो दिवसीय कर्नाटक दौरे पर गए गृहमंत्री अमित शाह ने पार्टी की आंतरिक बैठक में पार्टी नेताओं को कमर कस कर पूरी ताकत से चुनाव लड़ने का आह्वान किया था. कर्नाटक के मांड्या की सभा में अमित शाह ने कहा था कि पार्टी पूरी ताकत के साथ वोकालिंगा इलाके में ज्यादा जोर लगाकर चुनाव लड़ने की तैयारी करे. दरअसल गृहमंत्री को ये फीडबैक मिला था कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के साथ मीटिंग के बाद उस इलाके के बीजेपी कार्यकर्ताओं में जेडीएस के साथ पार्टी के समझौते की गलतफहमी पैदा हो रही है. लिहाजा उन्होंने कार्यकर्ताओं को ये संदेश दिया कि जेडीएस के साथ कोई समझौता नहीं हो रहा और बीजेपी बेहतरीन जातीय समीकरण के साथ मजबूत उम्मीदवार को जेडीएस के गढ़ में पूरी ताकत के साथ चुनाव मैदान में उतारेगी.


वोकालिंगा का चुनावी असर.....


कर्नाटक में वोकालिंगा समुदाय का गढ़ ओल्ड मैसुरू रीजन माना जाता है. बीजेपी ने इस बार विधानसभा चुनाव में ओल्ड मैसुरू रीजन के वोकालिंगा बहुल इलाके में 35 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है. वोकालिंगा समुदाय के वर्चस्व वाले इस इलाके में जेडीएस का दबदबा रहा है. इसके अलावा कांग्रेस की भी इस वर्ग और क्षेत्र में ठीक-ठाक पकड़ रही है. इस बार बीजेपी इसी क्षेत्र और वोकालिंगा वर्ग में अपना प्रभाव बढ़ाना चाहती है. क्योंकि बीजेपी का मानना है कि ओल्ड मैसुरू रीजन में बिना बेहतर परफॉर्म किए सत्ता पर काबिज हो पाना मुश्किल होगा.


अस्वथ नारायण की बढ़ेगी भूमिका....


बीजेपी की मौजूदा कर्नाटक सरकार में वोकालिंगा समुदाय से 7 मंत्री हैं. इनमें से सबसे बड़ा नाम डॉ अस्वथ नारायण और आर अशोक जैसे कई मजबूत नेता शामिल हैं. केंद्रीय टीम में भी बीजेपी ने केंद्र सरकार और राष्ट्रीय संगठन में भी महत्वपूर्ण भूमिका में रखा है. केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे और राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि भी वोकालिग्गा समाज से हैं. माना जा रहा है कि केंद्र सरकार में संभावित फेरबदल में भी इस वर्ग के नेताओं को महत्वपूर्ण भूमिका में रखा जायेगा.


माइक्रो लेवल पर बीजेपीका प्लान....
बीजेपी ने सूबे में माइक्रो लेवल पर सघन प्रचार के कार्यक्रम चलाना शुरू कर दिया है, जिससे की रिजर्वेशन से लाभान्वित हो रहे वर्गों को साधा जा सके. बीजेपी ने कर्नाटक में घर घर अभियान को बारीकी से चलाना शुरू कर दिया है. इस अभियान की सफलता के लिए कुछ केंद्रीय नेता जल्द इसमें शामिल होंगे. नेताओं के आपसी रस्साकसी को कम करने के भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं और काफी हद तक उसमें कमी भी आई है.


बीजेपी का कहना है सूबे के सबसे बड़े पार्टी नेता बीएस येदियुरप्पा पार्टी के मार्गदर्शक के तौर पर पूरी ताकत से चुनाव में लगेंगे जबकि मौजूदा सीएम वसवराज बोम्मई पार्टी के नेता होंगे. माना जा रहा है कि जल्द ही बीजेपी एक कैंपेन कमिटी बनाकर पार्टी के प्रमुख नेताओं को उसमें शामिल करेगी. इसके आलावा एंटी इंकम्बेंसी को कम करने के लिए सूबे के सीनियर नेताओं से अलग युवा नेताओं को टिकट में प्राथमिकता देने की योजना भी बनाई गई है.


ये भी पढ़ें : OBC Reservation: निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण मामले में यूपी सरकार को राहत, हाईकोर्ट के आदेश पर SC ने लगाई रोक