Delhi BJP Wants name change of 40 Villages: दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी 40 गांवों के नाम बदलना चाहती है. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्तान ने इन 40 गांवों के नाम की सूची भी तैयार कर ली है. बीजेपी जल्दी ही इन 40 गांवों के नाम बदलने का प्रस्ताव दिल्ली की केजरीवाल सरकार को भेजेगी. इससे पहले भी दक्षिणी दिल्ली के मोहम्मदपुर का नाम बदलकर माधवपुरम करने का प्रस्ताव बीजेपी ने दक्षिणी दिल्ली नगर में पास कर दिल्ली सरकार को भेजा था जिसपर दिल्ली सरकार ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है. वहीं अब बीजेपी बीजेपी दिल्ली के 40 गांवों का नाम बदलना चाहती है. 40 गांव के नाम बदलने के पीछे बीजेपी ने तर्क दिया है कि ये नाम गुलामी के प्रतीक हैं और यहां रहने वाले लोग खुद ही इसका नाम बदलना चाहते हैं.  


बीजेपी अब जिन गांवों के नाम बदलना चाहती है वो है-



  • मोहम्मदपुर गांव जिसका नाम स्थानीय निगम पार्षद भगत सिंह टोकस द्वारा माधवपुरम गांव का नाम परिवर्तित करने हेतु प्रस्ताव रखा है. 

  • हुमायूंपुर गांव

  • युसूफ सराय गांव

  • मस्जिद मोठ

  • बेर सराय

  • मसूदपुर

  • जमरूदपुर

  • बेगमपुर

  • सैदुल्लाजाब

  • फतेहपुर बेरी

  • हौज खास

  • शेख सराय

  • जिया सराय

  • नेब सराय

  • अदचिनी

  • जाफरपुर कलां

  • काजीपुर

  • नसीरपुर

  • मिर्जापुर

  • हसनपुर

  • ग़ालिब पुर

  • ताजपुर खुर्द

  • नजफगढ़

  • सुल्तानपुर नजदीक छतरपुर

  • अलीपुर गांव , नरेला जोन

  • मुखमेलपुर,  नरेला जोन

  • रमजानपुर , नरेला जोन

  • निजामपुर,  नरेला जोन

  • मोहम्मदपुर, नरेला जोन

  • हमीदपुर, नरेला जोन

  • खानपुर देवली के पास

  • सुलतानपुर डबास

  • इब्राहिमपुर , नरेला जोन

  • रसूलपुर ,नरेला जोन

  • साहिबाबाद दौलतपुर

  • बेगमपुर ,नरेला जोन

  • कुतुबगढ़ ,नरेला जोन

  • मोहम्मदपुर मंजरी

  • लाडो सराय

  • कटवारिया सराय

  • मुबारकपुर, नरेला जोन


75 साल की आजादी के बाद भी गुलाम मानसिकता क्यों?
दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने बताया 40 गांवों के नाम बदलने का ये फैसला दिल्ली के इन गांव वालों ने ही किया है. ये नाम यहां के निवासियों को गुलामी के प्रतीक दिखाई देते हैं.  इसलिए बीजेपी के पार्षद इसे निगम के सदन में पास कर एमसीडी कमिश्नर के जरिए दिल्ली सरकार को भेजेगी. इस मामले में दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया, आजादी को 75 साल हो गए हैं, कोई भी गुलामी की मानसिकता देश को नहीं चाहिए. इस गांव की पंचायत ने निश्चय किया कि गांव का नाम माधवपुरम होना चाहिए, लेकिन अबतक दिल्ली सरकार का पहले की तरह ढुलमुल रवैया है. उनकी तुष्टिकरण की राजनीति है, वर्ग विशेष को खुश करने की. 


ये गांव वालों की इच्छा है इसमें कोई बुराई नहीं: मुकेश सूर्यान, मेयर दिल्ली एनडीएमसी
वहीं एनडीएमसी के मेयर मुकेश सूर्यान, ने इस बारे में बताते हुए कहा, ये अच्छी पहल है. गांव की इच्छा है. इसमें कोई बुराई नहीं है. वो नाम बदल रहें हैं जिन्होंने हमेशा लूटने का काम किया है. हमारी बहन बेटियों के साथ यातनाएं की हैं. उनके नाम पर तो वैसे भी किसी गांव का नाम नहीं होना चाहिए. वहीं नाम बदलने को लेकर आम आदमी पार्टी और केजरीवाल सरकार बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा है की 15 साल से सत्ता में है तब नहीं किया अब चुनाव है इसलिए ये सब कर रहे है. वहीं नाम बदलने से विकास के काम अपने आप नहीं होंगे. 


आप सरकार का बीजेपी पर पलटवार, 15 साल से नाम क्यों नहीं बदले
वहीं दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के मंत्री गोपाल राय, का कहना है कि बीजेपी पिछले 15 सालों से एमसीडी में काबिज है तो अब तक नाम क्यों नहीं बदले. जब इनके पास कोई चारा नहीं बचता तो वो बौखलाहट में इसी तरह ऊल-जुलूल काम करते है. हमें कोई दिक़्क़त नहीं है लेकिन उन्होंने ये काम 15 साल में क्यों नहीं किया, अब कैसे याद आ रहा है ये तब से क्या सो रहे थे. नाम की बात नहीं है, वो जानते हैं चुनाव हार रहे हैं इसलिये ऐसे काम कर रहे है 15 साल आपको मौक़ा दिया था लोगों ने ये सब करने का तब नहीं किया लेकिन अब हार का डर है इसलिये ये सब कर रहे है.


फिलहाल बीजेपी ने नाम बदलने के प्रस्ताव भेजने के लिए तैयारी शुरू कर दी है. वहीं इस पहले मोहम्मदपुर का नाम बदल कर माधवपुरम का प्रस्ताव भेजा गया था जिसका कुछ नही हुआ. अब सवाल ये है की आखिर नाम बदलने से क्या होगा और 15 साल से निगम में सत्ता में मौजूद बीजेपी ने तब क्यों नहीं किया.


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