अमित शाह से मिलने के बाद माने उद्धव ठाकरे, अब शिवसेना की भागीदारी बढ़ेगी
बीजेपी पहले ही आंध्र में चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी का साथ खो चुकी है, ऐसे में वो शिवसेना को खोना नहीं चाहती थी. बिहार में भी सीट बंटवारे को लेकर जेडीयू और एलजेपी और बीजेपी में घमासान मचा हुआ है.
मुंबई: मुंबई में कल बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. अमित शाह कल रात करीब पौने आठ बजे उद्धव के आवास मातोश्री पहुंचे थे. सूत्रों के मुताबिक बंद कमरे में करीब दो घंटे चली अमित शाह और उद्धव की मुलाकात में कैबिनेट विस्तार और सीट बंटवारे पर चर्चा हुई है. सूत्रों का दावा है कि अमित शाह ने नाराज उद्धव ठाकरे को मना लिया है.
शाह-उद्धव के साथ बैठक में शामिल से आदित्य और सीएम फड़णवीस
शाह और उद्धव के बीच मुलाकात में लोकसभा चुनाव में साथ लड़ने और सीट बंटवारे पर चर्चा हुई है. साथ ही ये भी तय हुआ है कि दोनों के बीच आने वाले समय में कुछ और बैठकें होंगी. बैठक में उद्धव और अमित शाह के अलावा उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे और मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस भी शामिल हुए थे. चारों के बीच बंद कमरे में चर्चा हुई.
दोनों पार्टियों के सूत्रों का फिलहाल यही दावा है कि ये मुलाकात सकारात्मक रही है. सूत्रों के मुताबिक मुलाकात में उद्धव ठाकरे के तेवर कुछ नरम हुए हैं. अमित शाह ने उनसे मंत्रिमंडल विस्तार के अलावा केंद्र और राज्य सरकार में शिवसेना की भागीदारी, लोकसभा और विधानसभा में सीट बंटवारे पर चर्चा की है.
2019 ही नहीं 2024 भी साथ लड़ेंगे- अमित शाह
मराठी चैलन जी 24 तास को दिए इंटरव्यू में कल अमित शाह ने कहा कि शिवसेना से जो भी नाराजगी है उसे दूर कर लेंगे. साल 2019 ही नहीं साल 2024 का चुनाव भी साथ लड़ेंगे. विपक्षी एकता के सवाल पर उन्होंने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा. सभी दल नरेंद्र मोदी को हटाने के लिए एकजुट हो गए हैं, लेकिन एकजुट होने से बीजेपी पर कोई असर नहीं होगा.
क्यों अहम थी अमित शाह और उद्धव ठाकरे की ये मुलाकात? बता दें कि शिवसेना एनडीए की बड़ी सहयोगी पार्टी है. दरअसल शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे एनडीए में अहमियत ना मिलने से बीजेपी से नाराज थे. महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी अभी साथ-साथ सरकार चला रहे हैं. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे 2019 का चुनाव अकेले लड़ने का एलान कर चुके थे.Met Shri Uddhav Thackeray ji at Matoshree in Mumbai. pic.twitter.com/enLthz8Ykg
— Amit Shah (@AmitShah) June 6, 2018
बिहार में भी मचा है घमासान
बीजेपी पहले ही आंध्र में चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी का साथ खो चुकी है, ऐसे में वो शिवसेना को खोना नहीं चाहती थी. बिहार में भी सीट बंटवारे को लेकर जेडीयू और एलजेपी और बीजेपी में घमासान मचा हुआ है. साल 2019 के चुनाव से पहले अमित शाह एनडीए के नाराज साथियों को मनाने में लगे हुए हैं. इसलिए अमित शाह कल उद्धव ठाकरे से मिलने पहुंचे थे.
क्या कहता है महाराष्ट्र का सियासी गणित?
महाराष्ट्र का सियासी गणित यही कहता है कि शिवसेना अगर बीजेपी के साथ नहीं गई तो बीजेपी को नुकसान होगा. इसके अलावा शिवसेना ने अगर कांग्रेस-एनसीपी से हाथ मिला लिया तो बीजेपी को 48 में से सिर्फ 4 सीट जीत पाएगी बाकी 44 शिवसेना के साथ वाला महागठबंधन जीतेगा. 2014 में बीजेपी-शिवसेना- स्वाभिमानी पक्ष का गठबंधन था तब एनडीए को 48 में से 42 सीट मिली थीं, एनसीपी 4 और कांग्रेस 2 पर रह गई. राजू शेट्टी की पार्टी स्वाभिमानी पक्ष अब अलग हो चुका है.
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