महाराष्ट्र में गतिरोध पर अमित शाह का पहला बयान, कहा- शिवसेना की 50-50 की मांग गलत
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि शिवसेना से 50-50 फॉर्मूले पर बात नहीं हुई थी. उन्होंने कहा कि राज्यपाल का फैसला सही है.
मुंबई: महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक गतिरोध पर बीजेपी अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह ने पहली बार बयान दिया है. उन्होंने न्यूज़ एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि शिवसेना की 50-50 की मांग गलत है. उन्होंने राष्ट्रपति शासन को लेकर राज्यपाल के फैसले पर कहा कि राज्यपाल ने सभी दलों को मौका दिया. कल ही महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने को राष्ट्रपति ने मंजूरी दी थी.
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, ''चुनाव से पहले प्रधानमंत्री और मैंने कई बार सार्वजनिक रूप से कहा कि अगर हमारा गठबंधन जीतता है तो देवेंद्र फडणवीस सीएम होंगे, तब किसी ने आपत्ति नहीं की थी. अब वे नई मांगें लेकर आए हैं जो हमें स्वीकार्य नहीं हैं.''
अमित शाह ने राज्यपाल का बचाव करते हुए कहा, ''इससे पहले, किसी भी राज्य में इतना समय नहीं दिया गया था. महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए 18 दिन दिए गए थे. राज्यपाल ने विधानसभा कार्यकाल समाप्त होने के बाद ही पार्टियों को आमंत्रित किया. न तो शिवसेना और न ही कांग्रेस-एनसीपी ने दावा किया और न ही हमने. अगर आज भी किसी पार्टी के पास संख्या है तो वह राज्यपाल से संपर्क कर सकती है.''
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, ''आज भी अगर किसी के पास संख्या है तो वे राज्यपाल से संपर्क कर सकते हैं. राज्यपाल ने किसी को भी मौका देने से इनकार नहीं किया है. कपिल सिब्बल जैसे विद्वान वकील बचकानी दलीलें दे रहे हैं कि हमें सरकार बनाने का मौका नहीं दिया गया.''
उन्होंने कहा, ''इस मुद्दे पर विपक्ष राजनीति कर रहा है और एक संवैधानिक पद को इस तरह से राजनीति में घसीटना मैं नहीं मानता लोकतंत्र के लिए स्वस्थ परंपरा है.''
बता दें कि महाराष्ट्र में 24 अक्टूबर को सभी 288 सीटों पर चुनाव नतीजों की घोषणा की गई थी. बीजेपी इस चुनाव में शिवसेना के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ी. बीजेपी ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत दर्ज की. इस चुनाव में बीजेपी को 17 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा. इस मौके को देखते हुए शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद की मांग कर दी. जिसे बीजेपी ने खारिज कर दिया. यही वजह रही कि महाराष्ट्र में अब तक सरकार गठन नहीं हो सका है.
राज्यपाल ने बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी को बारी-बारी से बहुमत दिखाने के लिए मौका दिया लेकिन तीनों ही पार्टी तय समय में बहुमत का आंकड़ा दिखाने में विफल रही. जिसके बाद राज्यपाल ने मंगलवार को राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की. राज्यपाल के इस कदम की शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने आलोचना की है.
शिवसेना अब कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बनाने की कवायद में जुटी है. इसी सिलसिले में आज उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुंबई में मुलाकात की. मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि सब कुछ ठीक चल रहा है. बातचीत सही दिशा में चल रही है और उचित समय आने पर फैसले की घोषणा की जाएगी.
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