Lok Sabha Speaker Election: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने बीजेपी मुख्यालय में आपातकाल के विरोध में आयोजित लोकतंत्र का काला दिन कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ''हम सब जानते हैं कि 25 जून को हम यहां पर काला दिवस के रूप में मना रहे हैं. इमरजेंसी को याद करने का और प्रजातंत्र का गला घोंटने का जो कुत्सित प्रयास हुआ था, उसे जनता के सामने लाने का भाजपा प्रयास कर रही है और सारे देश में इस तरीके का कार्यक्रम कर रही है.''


जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा, "कांग्रेस की सोच में उनकी कार्यशैली में प्रजातंत्र की कोई गुंजाइश ही नहीं है. आज तक कभी भी लोकसभा के स्पीकर का चुनाव सशर्त हुआ है? ये विपक्ष कह रहे हैं कि डिप्टी स्पीकर तय करो तब हम स्पीकर को समर्थन देंगे. ये वो कह रहे हैं जिन्होंने तेलंगाना में स्पीकर और डिप्टी स्पीकर दोनों अपने बनाए हैं. कनार्टक में इनका ही स्पीकर और इनका ही डिप्टी स्पीकर है. पश्चिम बंगाल में भी टीएमसी का ही स्पीकर और डिप्टी स्पीकर है. ये ऐसे लोग हैं, जो दोहरे मापदंड में जीते हैं.''


इंदिरा गांधी ने हजारों लोगों को कराया था गिरफ्तार- नड्डा


उन्होंने इमरजेंसी को लेकर कांग्रेस और इंदिरा गांधी को घेरा. उन्होंने कहा, ''संविधान को बदलकर इंदिरा गांधी ने अपनी कुर्सी बचाने का प्रयास किया, जिसके बाद पूरा देश उद्वेलित हो गया और उस उद्वेलना को रोकने के लिए इंदिरा गांधी ने 25 जून, 1975 की रात को आपातकाल की घोषणा की और उसी रात हजारों लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. जिसने विरोध किया, उसे समाप्त करने में कांग्रेस ने कोई कसर नहीं छोड़ी है.''


जेपी नड्डा ने साधा राहुल गांधी पर निशाना


केंद्रीय मंत्री ने राहुल गांधी पर हमला बोला. उन्होंने कहा, ''राहुल गांधी ने इतिहास कम पढ़ा है. मालूम नहीं कितनी डिग्रिया हैं, पढ़ाई कैसी है. पढ़ने लिखने का शौक कम है. कांग्रेस की सोच में प्रजातंत्र की गुंजाइश ही नहीं है. सुभाष चंद्र बोस इलेक्टेड प्रेसिडेंट थे फिर भी पद से हटना पड़ा. अंबेडकर के खिलाफ कांग्रेस ने कैंडिडेट खड़ा किया था. मीडिया को रोकने के प्रयास हुए और जर्नलिस्टों को भी जेल में डाला." 


नड्डा ने किया आपातकाल का जिक्र


नड्डा ने कहा कि यहां बहुत से लोग हैं, जिन लोगों ने इमरजेंसी देखी है. आप उनसे इस हफ्ते जरूर मिलिए. मैं जब कहता हूं कि आज पचास साल के हुए, जब हमने इमरजेंसी के दुर्दिन देखे. एक रात में 9 हजार लोगों को उठा लिया गया. उनको जेल में उन्नीस महीने से अधिक रहना पड़ा. 140,000 लोग मीसा के तहत गिरफ्तार हुए थे.


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