(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
BJP Press conference: 'सोमनाथ मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में नहीं गए नेहरू', राम मंदिर कार्यक्रम से कांग्रेस के बहिष्कार पर भड़की बीजेपी
BJP Press conference: BJP नेता सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस पर हमला बोला है. राम मंदिर कार्यक्रम के बहिष्कार को लेकर उन्होंने कहा कि कांग्रेस हर बड़े बदलाव का बहिष्कार करती है.
BJP Questions Congress Boycott Politics: अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का कांग्रेस की ओर से बहिष्कार किए जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने तीखा हमला बोला है. पार्टी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने गुरुवार (11 जनवरी) को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि कांग्रेस नकारात्मक राजनीति करती है और हर चीज का बहिष्कार कर रही है. इसलिए जनता ने कांग्रेस का बहिष्कार कर दिया है.
उन्होंने कहा कि यह गांधी (महात्मा गांधी) की नहीं बल्कि नेहरू (जवाहरलाल नेहरू) की कांग्रेस है. उन्होंने कांग्रेस की ओर से बहिष्कार किए गए सभी कार्यक्रमों को भी गिनाया.
'कांग्रेस के साथ पता नहीं कौन सी समस्या है'
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि किसी भी अच्छे से अच्छे अनुष्ठान में बाधा उत्पन्न करके संतोष प्राप्त करने वाली प्रवृत्ति की परिचायक कांग्रेस के साथ पता नहीं कौन सी समस्या है. भारत का इतिहास जब-जब करवट ले रहा होता है, तब-तब कांग्रेस उस मौके के साथ खड़ा न होकर उसका बहिष्कार करती है.
'सोमनाथ की प्राण प्रतिष्ठा में नहीं गए थे नेहरू'
कांग्रेस पार्टी के इतिहास का ज़िक्र करते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, "इंदिरा गांधी के जमाने में कारसेवकों पर गोलियां चलीं. राजीव गांधी के जमाने और पीवी नरसिम्हा के जमाने में क्या क्या नहीं हुआ और सोनिया गांधी के दौर में राम काल्पनिक हो गए. ये कांग्रेस की संस्कृति और राम के मंदिर का विरोध भी उसी का हिस्सा है." त्रिवेदी ने कहा कि बाबरी के पक्षकार भी राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठान में आ रहे हैं लेकिन कांग्रेस का विरोध किस लिए है?
जवाहर लाल नेहरू का जिक्र करते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, "जब सोमनाथ मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी, तो जवाहरलाल नेहरू जी ने 24 अप्रैल, 1951 को उस समय सौराष्ट्र के प्रमुख को लिखा था कि 'इस कठिन समय में इस समारोह के लिए दिल्ली से मेरा आना संभव नहीं है. मैं इस पुनरुत्थानवाद से बहुत परेशान हूं, मेरे लिए बहुत कष्टकारक है कि मेरे राष्ट्रपति, मेरे कुछ मंत्री और आप सोमनाथ के इस समारोह से जुड़े हुए हैं और मुझे लगता है कि ये मेरे देश की प्रगति के अनुरूप नहीं है, इसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे."
'नए संसद भवन, अभिभाषण, कारगिल का बहिष्कार किया'
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, "अभी कुछ महीने पहले कांग्रेस ने नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार किया. जब GST लागू हुआ तो उसका भी बहिष्कार किया. G20 के समय दुनिया के सबसे शक्तिशाली 20 देशों के राष्ट्राध्यक्ष भारत आए थे, उसमें भी महामहिम राष्ट्रपति के द्वारा दिए गए भोज का भी कांग्रेस ने बहिष्कार किया."
त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस ने हमारे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविद और अब द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण का बहिष्कार किया. 2004 के बाद 2009 तक कांग्रेस ने कारगिल विजय दिवस का बहिष्कार किया.
'परमाणु परीक्षण पर साधी चुप्पी, प्रणब मुखर्जी के सम्मान पर भी बहिष्कार'
सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस की बहिष्कार करने वाली परंपरा की आलोचना करते हुए कहा कि मई 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार के नेतृत्व में हुए पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद 10 दिन तक कांग्रेस ने कोई बयान नहीं दिया था. उन्होंने कहा, "और तो और पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, जो इन्हीं की पार्टी के थे उनके भारत रत्न समारोह का भी कांग्रेस ने बहिष्कार कर दिया था."
'चरमपंथियों के वोट के लिए हो रहा राम मंदिर का बहिष्कार'
सुधांशु त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि चरमपंथियों के चंद वोट के लिए कांग्रेस राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का बहिष्कार कर रही है. उन्होंने कहा कि भारत का इतिहास करवट ले रहा होता है. अब कांग्रेस राम मंदिर का बहिष्कार कर रही है. इसलिए जनता उनका बहिष्कार कर रही है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर मामले में कोर्ट में केस लड़ने वाले इकबाल अंसारी को निमंत्रण दिया गया है, लेकिन कांग्रेस नकारात्मक राजनीति करती है.