कोलकाता: पश्चिम बंगाल में 15वीं विधानसभा के पहला सत्र में शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ. राज्यपाल जगदीप धनखड़ जब विधानसभा पहुंचे तो सीएम ममता बनर्जी ने उनका स्वागत किया. विवादों के बीच दोनों एक बार फिर कुछ देर के लिए एक साथ दिखाई दिए. ठीक दो बजे राज्यपाल का विधानसभा में अभिभाषण होना था, लेकिन जैसे ही वो अपने अभिभाषण के लिए खड़े हुए शुभेंदु अधिकारी समेत तमाम बीजेपी विधायक वेल में घुस आए और बंगाल हिंसा में इंसाफ की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया.


बीजेपी नेताओं ने विधानसभा में जमकर नारेबाजी की और प्रदर्शन किया. हंगामे के चलते राज्यपाल धनखड़ अपना अभिभाषण पूरा पढ़े बिना ही विधानसभा छोड़ कर चले गए. बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि हम राज्यपाल का सम्मान करते हैं, लेकिन आज जो हुआ वह भी ऐतिहासिक था. उन्होंने कहा कि यह तस्वीरें लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे बीजेपी के सारे नेता इंसाफ की मांग कर रहे थे.


शुभेंदु ने कहा, "इंसाफ उन कार्यकर्ताओं के लिए जिनकी बंगाल में राजनीतिक हिंसा में जान चली गई है. उन कार्यकर्ताओं के लिए जिनकी रिपोर्ट पुलिस ने दर्ज तक नहीं की है." आपको बता दें कि राज्यपाल धनखड़ के वापस लौटने के साथ ही टीका लगाए हुए गले में केसरिया दुपट्टा डाले सारे बीजेपी के विधायक विरोध करते हुए उनके पीछे पीछे विधानसभा से बाहर आ गए.


विधानसभा में लगे जय श्रीराम के नारे 


विधानसभा में हंगामें के दौरान सबसे पहले जय श्रीराम के नारे लगाए गए और उसके बाद भारत माता की जय के नारे लगे, लेकिन जैसे ही राज्यपाल बाहर निकलने लगे तब तृणमूल कांग्रेस के विधायकों ने जय बांग्ला के नारे जोर-जोर से लगाए.


बीजेपी ने लगाया ये आरोप


दरअसल बीजेपी का आरोप है कि राज्यपाल जो अभिभाषण लिखकर टीएमसी की सरकार की ओर से दिया गया था, उसमें कहीं भी राजनीतिक हिंसा मारपीट या फिर खून खराबे का जिक्र नहीं था. राज्य में अमन और शांति की बात की गई, जिसपर बीजेपी ने अपना विरोध जताया है और राज्यपाल ने पहले ही आपत्ति दर्ज करा दी थी. लेकिन टीएमसी इसे पूरी तरह से धोखा बता रही है. तृणमूल कांग्रेस के विधायक इदरीस अली का आरोप है कि राज्यपाल ने बीजेपी के साथ सांठगांठ करके ही अपना अभिभाषण नहीं पढ़ा.


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