नई दिल्ली: पाकिस्तान के लाहौर में 19वीं सदी के सिख शासक महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति को तीसरी बार तोड़ दिया गया. महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति तोड़े जाने को लेकर पाकिस्तान दूतावास के बाहर बुधवार को बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने 'भारत माता की जय' और 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' के नारे भी लगाए.


इस प्रदर्शन में दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष भी शामिल थे. दिल्ली बीजेपी चीफ आदर्श गुप्ता ने महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति को तोड़ने वाले हमलावरों को गिरफ्तार किए जाने की मांग की. आदेश गुप्ता ने कहा, 'लाहौर में महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति को तोड़ने वाले हमलावरों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए.'



किसने तोड़ी महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति?
एक कट्टरपंथी पार्टी के सदस्य, तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) ने लाहौर किले में रंजीत सिंह की प्रतिमा को तोड़ा है. प्रतिमा को पहले टीएलपी कार्यकर्ताओं ने कम से कम दो अलग-अलग मौकों पर तोड़ दिया था. एक वायरल वीडियो में, व्यक्ति को अपने हाथों से मूर्ति पर प्रहार करते और उसके हाथों और अन्य हिस्सों को नुकसान पहुंचाते हुए देखा जा सकता है.


इससे पहले लाहौर में 'माई जिंदा' हवेली में अनावरण की गई प्रतिमा को पहले अगस्त 2019 में कट्टरपंथी इस्लामवादियों द्वारा और फिर पिछले साल दिसंबर में तोड़ दिया गया था. इसके बाद एक किशोर आगंतुक ने दिसंबर 2020 में महाराजा की मूर्ति का हाथ तोड़ दिया था. उसे पकड़ने के बाद, उसने पुलिस को बताया कि किले में एक सिख शासक की मूर्ति को देखकर उसकी 'धार्मिक भावनाएं' आहत हुई हैं.


रिपोर्ट के मुताबिक, प्रतिमा में हालिया तोड़फोड़ रिजवान नाम के शख्स ने लाहौर के किले में की. मूर्ति के चारों ओर रेलिंग तोड़ते समय वह विदेशी भाषा में कुछ बोल रहा था. सोशल मीडिया पोस्ट में उन्हें मूर्ति के कुछ हिस्सों को खींचते हुए देखा जा सकता है. मूर्ति तोड़ने के आरोप में रिजवान को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया गया है.


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