कोलकाता: बीजेपी की ओर से सरकार के खिलाफ एक विरोध रैली का आयोजन किया गया था, जिसे पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी टीएमसी ने असफल करार दिया है. जिसके बाद बंगाल के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने टीएमसी पर निशाना साधा है.
घोष ने कहा, 'हमारी रैली प्रतीकात्मक थी, जिससे साधारण व्यक्ति को एहसास हो कि यह सरकार जो कर रही है, वो अनुचित है.' घोष ने स्पष्ट रूप से कहा कि रैली का उद्देश्य बीजेपी का शक्ति प्रदर्शन या हिंसा फैलाना नहीं था. वहीं शुभेंदु अधिकारी की अनुपस्थिति पर प्रश्न उठने पर घोष ने कहा कि उनकी अनुपस्थिति कोलकता के बाहर रहने के कारण है. रैली में सिर्फ चुने गए कुछ विधायकों और पार्टी के वरिष्ठ नेता शामिल थे.
घोष ने कहा, 'बीजेपी का मूल उद्देश्य सरकार को अपनी गलतियां दिखाना और उसी बर्ताव पर बदलाव लाने का प्रयत्न करना है. अगर सरकार अपने व्यवहार को बदल नही लेती, तब तक साधारण जनगण की समस्याओं को सामने लाने का हमारा जो संग्राम है, वो हम और भी नीचे तक ले जाएंगे.' दरअसल, नकली वैक्सीन रैकेट्स का पर्दाफाश होने पर टीएमसी कार्यकर्ताओं का नाम सामने आया है. इसी के खिलाफ बीजेपी ने यह विरोध रैली आयोजित की थी.
पुलिस के साथ संघर्ष
हालांकि रैली के कारण कोरोना नियमों का उल्लंघन हुआ, इस मुद्दे को लेकर रैली के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं और पुलिस में आपसी संघर्ष भी हुआ. रैली में बीजेपी विधायक अग्निमित्रा पॉल भी मौजूद थीं. वहीं घोष ने कहा, 'सरकार की पार्टी क्या बोल रही है उससे हमें कुछ फर्क नहीं पड़ता. हमने यह विरोध सरकार या पुलिस के लिए नहीं, आम लोगों के लिए किया था. उनमें जागरूकता फैले, वो जान सके कि कैसे वो वंचित हो रहे है या उनको कैसे धोखा दिया जा रहा है, यही था हमारा मूल लक्ष्य.'