BJP ने हिंदुत्व पर उठाए सवाल, कांग्रेस ने कहा हिंदू हैं प्रियंका गांधी
प्रियंका गांधी हिंदूं हैं या नहीं ऐसे सवाल उठाने वालों को कांग्रेस की तरफ से जवाब दिया जा रहा है और प्रमाण दिए जा रहे हैं कि वो पूरी तरह हिंदू हैं.
नई दिल्लीः चुनावी चक्रव्यूह को तोड़ने के लिए प्रिंयका गांधी वाड्रा मंदिरों के चक्कर लगा रही हैं. मां गंगा, हनुमान जी, मां सीता, मां विंध्यवासिनी के दर पर प्रियंका दस्तक दे रही हैं. पूजा-पाठ की तस्वीरों से ये बताने की कोशिश कर रही हैं कि उनकी हिंदू धर्म में अनन्य आस्था है. हालांकि इस आस्था के बीच धर्म की दीवार खड़ी हो गई है क्योंकि बीजेपी नेता गिरिराज सिंह का आरोप है कि प्रियंका गांधी हिंदू नहीं हैं बल्कि ईसाई धर्म से ताल्लुक रखती हैं. इस आरोप के बाद कांग्रेस के नेता प्रियंका गांधी और रॉबर्ट वाड्रा के धर्म के बारे में बताने लगे हैं.
प्रियंका गांधी ने शक्तिपीठ विंध्यवासिनी मां की पूजा की यूपी के मिर्जापुर में प्रियंका गांधी ने शक्तिपीठ विंध्यवासिनी मां की पूजा की और गांधी परिवार के पुरोहित सुमित पाण्डेय ने मंत्रोच्चार के बीच विंध्याचल में प्रिंयका से मां विंध्यवासिनी की आरती कराई. पूजा पाठ के बाद प्रियंका गांधी ने फीडबैक में तारीख के साथ लिखा. आज यहां आकर अपने पूर्वजों के पंडों से मिलकर और सब की श्रद्धा का एहसास होते हुए हुए मुझे बहुत खुशी हुई. कहा जा सकता है कि पूर्वजों का जिक्र इसलिए किया गया क्योंकि यहां पहले भी गांधी परिवार से जुड़े लोग आते रहे हैं
प्रियंका के धर्म को लेकर हो रहा है विवाद बोट यात्रा के जरिए प्रियंका गांधी का अगला पड़ाव वाराणसी में है और वहां प्रियंका को काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करना है लेकिन उससे पहले विवाद खड़ा हो गया, एक वकील ने उन्हें ईसाई बताते हुए दर्शन से रोकने की मांग कर डाली. वकील कमलेश चंद्र त्रिपाठी का आरोप है कि प्रियंका शादी के बाद क्रिश्चियन बन गईं हैं, इसलिए उन्हें दर्शन का अधिकार नहीं है. वकील कमलेश की मांग सुर्खियों में आई तो कुछ संत भी प्रियंका के खिलाफ खड़े हो गए.
हिंदू रीति-रिवाजों से हुई थी प्रियंका की शादी इससे एक बात तो साफ है कि सारा विवाद प्रियंका के धर्म को लेकर है और इसके जवाब के लिए प्रियंका गांधी-रॉबर्ट वाड्रा की शादी के समय 18 फरवरी 1997 को याद किया जाए तो दोनों की शादी पूरे हिंदू रीति रिवाज से हुई थी, रॉबर्ट वाड्रा हिंदू रीति रिवाज से सेहरा बांध कर निकले थे. प्रियंका ने लाल शादी का जोड़ा पहना था. बताया भी जाता है कि रॉबर्ट वाड्रा और प्रियंका की शादी हिंदू रीति रिवाज से हुई थी
रॉबर्ट वाड्रा के पिता हिंदू थे यहां ये जानना जरूरी हो जाता है कि प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा की मां मैरीन वाड्रा ईसाई हैं लेकिन उनके पिता पिता राजेंद्र वाड्रा पंजाबी थे और हिंदू धर्म से ताल्लुक रखते थे, रॉबर्ट वाड्रा भी हिंदू धर्म में ही विश्वास रखते हैं, वाड्रा दिनचर्या में हिंदू रीति रिवाजों को ही निभाते हैं और हिंदू देवी-देवताओं की ही पूजा करते हैं. 18 अगस्त 2018 में रॉबर्ट वाड्रा तमिलनाडु में तिरुपति बालाजी के दर्शन करने के लिए गए थे. वाड्रा मुंबई में सिद्धिविनायक मंदिर में भी कई बार दर्शन कर चुके हैं.
प्रियंका गांधी के परिवार के इतिहास पर नजर देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू कश्मीरी ब्राह्मण मोतीलाल नेहरू के बेटे थे यानि पूरे खानदान का रिश्ता ब्राह्मण जाति से है. जवाहरलाल नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी ने पारसी धर्म के फिरोज गांधी से शादी की. लेकिन इंदिरा गांधी ने पारसी धर्म को कभी नहीं माना, उनकी आस्था हमेशा हिंदू धर्म में रही, इंदिरा की फिरोज गांधी से तब के इलाहाबाद के आनंद भवन में पूरे हिंदू रीति रिवाजों से हुई.
इंदिरा गांधी के राजीव गांधी और संजय गांधी दो बेटे थे. राजीव गांधी ने क्रिश्चियन सोनिया गांधी से शादी की. राजीव गांधी ने शादी भले ही क्रिश्चियन सोनिया से की लेकिन शादी हिंदू धर्म के अनुसार ही हुई, 1968 में जब उनकी शादी हुई तब अमिताभ बच्चन के पिता हरिवंश राय बच्चन ने सोनिया का कन्यादान किया था. प्रियंका गांधी ने भी पिता की तरह ही हिंदू रीति रिवाज अपनाए, यही वजह है कि नेहरू गांधी खानदान के पुरोहित भी इस धर्मयुद्ध में प्रियंका के साथ दीवार की तरह खड़े हैं.
कर्मयुद्ध के बजाय प्रियंका पर धर्मयुद्ध छिड़ गया कहा जा रहा है कि चुनावी महाभारत में प्रियंका गांधी ने सॉफ्ट हिंदुत्व की लाइन ले ली है, वो मंदिरों में दर्शन कर कांग्रेस के ऊपर लगते आए तथाकथित मुस्लिम पार्टी होने का ठप्पा हटाना चाहती हैं, एक तरह से कहा जाए तो वो बीजेपी की पिच से ही बीजेपी को चुनौती दे रही हैं. शायद यही वजह है कि चुनाव समर में कर्मयुद्ध के बजाय प्रियंका पर धर्मयुद्ध छिड़ गया है. राजनीति के मैदान में प्रियंका गांधी के धर्म और जाति पर चर्चा होने लगी है. जीत किसकी होगी ये तय करना जनता के हाथ में है और वही फैसला करेगी.