नई दिल्ली: महाराष्ट्र सरकार के नामी गिरामी हस्तियों के ट्वीट को लेकर जांच करवाने के फैसले पर एक तरफ बीजेपी समेत कई लोग सवाल खड़े कर रहे हैं. वहीं महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ गठबंधन से जुड़ी हुई पार्टी शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस का कहना है कि ये जांच इस वजह से जरूरी है, जिससे कि पता चल सके कि कहीं इन नामी-गिरामी हस्तियों के ऊपर इस तरह के ट्वीट करने को लेकर कोई दबाव तो नहीं था.


महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा था कि सरकार का इंटेलिजेंस विभाग यह जांच करेगा कि कहीं नामी-गिरामी हस्तियों के द्वारा जो ट्वीट किए गए उनके ऊपर कोई दबाव तो नहीं था. महाराष्ट्र के गृहमंत्री की बात को आगे बढ़ाते हुए शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि जांच इस वजह से जरूरी है, जिससे कि सच सामने आ सके. क्योंकि इनमें भारत रत्न सचिन तेंदुलकर और लता मंगेशकर जैसी वो हस्तियां भी शामिल हैं, जो सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विश्व पटल पर एक चमकता सितारा हैं. ऐसे में कहीं उन लोगों के ऊपर किसी तरह का कोई दबाव तो नहीं, यह पता लगाना जरूरी है और इस जांच का यही मकसद है.


शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी की बात का समर्थन करते हुए एनसीपी सांसद फौजिया खान का कहना है कि कई नामी-गिरामी हस्तियों के ट्वीट एक जैसे नजर आ रहे थे. अगर उन्होंने अपने आप किए थे तो सबके ट्वीट एक जैसे कैसे दिखने लगे और इसकी जांच होना जरूरी है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि उनसे जबरन यह ट्वीट करवाए गए हों.


शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी नेताओं के बयानों के जवाब में बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार जिन लोगों की जांच करवाना चाह रही है वह हमारे देश की नामी-गिरामी हस्तियां हैं. और अगर इन लोगों ने अंतरराष्ट्रीय नामी-गिरामी हस्तियों के ट्वीट के जवाब में यह ट्वीट किया है तो उसमें बुराई क्या है. सुधांशु त्रिवेदी ने हिंदी फिल्म के गीत के जरिए महाराष्ट्र सरकार और गठबंधन के पार्टियों पर सवाल खड़ा किया. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि यह तो वही बात हुई कि "अपनों पर सितम गैरों पर रहम ए जाने वफा यह जुल्म ना कर."


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