कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी पर राज्य में ‘हिंसा की राजनीति’ का सहारा लेने और देश में विपक्षी पार्टियों के खिलाफ केन्द्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आज आरोप लगाया. राज्य में हाल ही में हुए पंचायत चुनाव का हवाला देते हुये मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि बीजेपी सदस्य उन गुंडों के साथ मिल कर काम कर रहे हैं, जो पहले माकपा के लिए काम करते थे.
तृणमूल छात्र परिषद (तृणमूल कांग्रेस की छात्र शाखा) के स्थापना दिवस के अवसर पर यहां एक रैली को संबोधित करते हुये ममता ने कहा, ‘‘हत्या की राजनीति का सहारा लेने के बावजूद पूर्व में माओवादियों के गढ़ रहे जंगलमहल में बीजेपी केवल कुछ सीटें ही जीत पायी.’’
राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा उनकी सरकार किसी भी परिस्थिति में राज्य में इसकी अनुमति नहीं देगी. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ‘‘हम बंगाल में एनआरसी की अनुमति नहीं देंगे. वे (बीजेपी नेता) हमें चुनौती दे रहे हैं. यदि हमे चुनौती दी जाएगी, तो इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा.’’
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगर किसी नागरिक को यहां गलत तरीके से विदेशी बताया जाता है तो वह उसे ‘बर्दाश्त’ नहीं करेंगी. उन्होंने कहा, ‘‘हम बंगाल टाइगर्स हैं. यदि किसी भारतीय नागरिक को विदेशी बताया जाता है, तो हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे.’’ ममता ने बीजेपी शासन के दौरान एनपीए (गैर निष्पादित आस्तियां) बढ़ने का जिक्र करते हुए कहा कि संप्रग शासन की तुलना में राजग के तहत यह कहीं अधिक है.
उन्होंने बीजेपी पर अपना हमला जारी रखते हुए कहा, ‘‘हम विदेशी चंदा नहीं चाहते हैं लेकिन बीजेपी विदेशी चंदे में इतनी रूचि क्यों ले रही है ? ’’ लोकसभा ने विदेशी चंदे के सिलिसले में राजनीतिक पार्टियों को छूट देने का एक विधेयक पारित किया है. उन्होंने कहा, ‘‘ बीजेपी हर चीज अपने मुताबिक कराना चाहती है... हमे क्या खाना चाहिए से लेकर हमे क्या पहनना चाहिए. लेकिन वह फैसला करने वाली कौन होती है.’’
केंद्र की सत्ता से बीजेपी को बेदखल करने के अभियान में अग्रिम मोर्चे पर खड़ी तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि वह 2019 के आम चुनाव में भगवा पार्टी को हराने के लिए पुरजोर कोशिश करेंगी. ममता ने कहा, ‘‘धन और बाहुबल के अलावा बीजेपी विपक्षी नेताओं के खिलाफ केन्द्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है. हमारा उद्देश्य 2019 के लोकसभा चुनाव में उसे (बीजेपी को) सत्ता से बाहर करना है.’’ उन्होंने छात्रों से फेसबुक और ट्विटर पर बीजेपी की ट्रोल सेना द्वारा फैलाए जाने वाले ‘फेक न्यूज’ पर करीबी नजर रखने की अपील की. यदि वे फेक न्यूज फैलाते हैं तो उसका जवाब दीजिए.
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