BJP शासित गुजरात सरकार ने 2 साल में हेलिकॉप्टर्स-विमानों पर खर्च दिए 58 करोड़ रुपये
Gujarat News: कांग्रेस विधायक की ओर से पूछे गए सवाल पर गुजरात सरकार ने विधानसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि पिछले दो साल में विमानों और हेलिकॉप्टरों पर 58 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.
Gujarat Expenditure On Aircraft-Helicopters: गुजरात सरकार ने सोमवार (19 फरवरी) को विधानसभा में बताया कि पिछले दो साल में राज्य के स्वामित्व वाले विमानों और हेलीकॉप्टरों के रखरखाव, लीज, ईंधन और स्टाफ पर 58 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, कांग्रेस विधायक अरविंद लडानी ने विमानों और हेलीकप्टरों आदि के संबंध में गुजरात सरकार की ओर पिछले दो वर्षों में किए गए खर्च के बारे में पूछा था.
गुजरात सरकार ने बताया ये खर्च
राज्य सरकार की ओर से दिए गए लिखित उत्तर से पता चला है कि 1 जनवरी, 2021 से 31 दिसंबर, 2022 तक विमानों और हेलीकॉप्टरों के रखरखाव, लीज, ईंधन, पायलट और अन्य कर्मचारियों के लिए 34 करोड़ 26 लाख 65 हजार 295 रुपये खर्च किए गए. इसके बाद 31 दिसंबर 2023 तक कुल 24 करोड़ 24 लाख 55 हजार 209 रुपये खर्च किए गए. इस तरह दो वर्षों में 58 करोड़ 51 लाख 20 हजार 504 रुपये खर्च किए गए.
हालांकि, राज्य सरकर ने सुरक्षा के कारण इस जानकारी संवेदनशीलता का हवाला देते हुए विमानों और हेलीकॉप्टरों के रखरखाव के लिए जिम्मेदार कंपनी की पहचान उजागर नहीं की.
सीप्लेन सेवा को लेकर गुजरात सरकार ने ये कहा
रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी विमानों में महत्वपूर्ण निवेश के बावजूद जनता के लिए शुरू की गई भारत की पहली सीप्लेन सेवा का भविष्य अनिश्चित बना हुआ है. 13 फरवरी को गुजरात सरकार ने कहा था कि पिछले साल मई टेंडर जारी होने के बावजूद किसी भी एजेंसी ने अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट और नर्मदा जिले में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के बीच सीप्लेन सेवा को पुनर्जीवित करने में रुचि नहीं दिखाई है.
गुजरात के नागरिक उड्डयन मंत्री बलवंत सिंह राजपूत ने बताया कि दिसंबर 2023 तक राज्य ने अब बंद हो चुकी सेवा पर 17.5 करोड़ रुपये खर्च किए थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 2020 में सीप्लेन सेवा शुरू की थी, जिसे अप्रैल 2021 में बंद कर दिया गया था.
राजपूत ने सदन को बताया कि सेवा को फिर से शुरू करने के लिए मई 2023 में एक टेंडर जारी किया गया था लेकिन निविदा प्रक्रिया में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई गई. राजपूत ने विमान की गुणवत्ता और सीप्लेन सेवा के प्रबंधन पर चिंताओं को संबोधित करते हुए सदन को आश्वस्त किया कि भविष्य के समुद्री विमान बेहतर स्थिति में होंगे.
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