बीजेपी (BJP) से सस्पेंड पार्टी की पूर्व प्रवक्ता नुपूर शर्मा (Nupur Sharma) की शिकायत पर आज दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने उन्हें सुरक्षा दी है. दिल्ली पुलिस के जॉइंट सीपी का कहना है कि उन्हें मिल रही धमकियों को बाद दिल्ली पुलिस ने नुपूर शर्मा को सुरक्षा देने का फैसला किया. इस मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल आईएफएसओ यूनिट ने अज्ञात लोगों के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की थी.


नुपूर शर्मी ने दिल्ली पुलिस में शिकायत दी थी कि मुझे और मेरे परिवार को जान से मारने की धमकी मिल रही हैं. इससे पहले कल नुपूर शर्मा ने ट्ववीट करके कहा था कि मैं सभी मीडिया घरानों और अन्य सभी से अनुरोध करती हूं कि मेरा पता सार्वजनिक न करें. मेरे परिवार की सुरक्षा को खतरा है.


नुपूर के खिलाफ महाराष्ट्र में कई एफआईआर दर्ज


पैगंबर मुहम्मद पर टिप्पणी करने को लेकर नुपूर से मुस्लिम समुदाय बेहद नाराज है. बीजेपी ने पार्टी प्रवक्ता नुपूर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल को पार्टी से सस्पेंड कर दिया था. महाराष्ट्र में नुपूर शर्मा के खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज हैं. एक टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर मुहम्मद पर नुपूर की टिप्पणी के बाद तीन जून को कानपुर में हिंसक झड़पें हुई थीं.






बीजेपी ने क्या कहा?


नुपूर शर्मा को लिखे पत्र में बीजेपी केंद्रीय अनुशासन समिति के सदस्य सचिव ओम पाठक ने कहा, "आपने विभिन्न मामलों पर पार्टी की स्थिति के विपरीत विचार व्यक्त किए हैं, जो पार्टी के संविधान के नियम 10 (ए) का स्पष्ट उल्लंघन है. मुझे आपको यह बताने का निर्देश दिया गया है कि आगे की जांच लंबित रहने तक आपको तत्काल प्रभाव से पार्टी से और आपकी जिम्मेदारियों/कार्यो से निलंबित किया जाता है.


नुपूर ने बयान जारी कर मांगी माफी


हालांकि इसके बाद नुपूर शर्मा ने ट्विटर पर एक बयान जारी कर पैगंबर मुहम्मद पर टिप्पणी करने को लेकर माफी मांग ली थी. नुपूर ने लिखा, ''मैं पिछले कई दिनों से टीवी डिबेट पर जा रही थी,जहां रोजाना मेरे आराध्य शिव जी का अपमान किया जा रहा था. मेरे सामने यह कहा जा रहा था कि वो शिवलिंग नहीं फव्वारा है. दिल्ली के हर फुटपाथ पर बहुत शिवलिंग पाए जाते हैं. जाओ जा के पूजा कर लो. मेरे सामने बार बार इस प्रकार से हमारे महादेव शिव जी के अपमान को मैं बर्दाश्त नहीं कर पाई और मैंने रोष में आकर कुछ चीजें कह दीं. अगर मेरे शब्दों से किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो मैं अपने शब्द वापिस लेती हूं. मेरी मंशा किसी को कष्ठ पहुंचाने की कभी नहीं थी.''


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