नई दिल्ली: कर्नाटक में एक बार फिर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. सत्तारूढ़ कांग्रेस-जेडीएस ने विपक्षी पार्टी बीजेपी पर विधायकों को तोड़ने का आरोप लगाया है और इसे 'ऑपरेशन लोटस' का नाम दिया है. वहीं बीजेपी का कहना है कि सत्तारूढ़ दल के विधायक खुद नेतृत्व से नाराज हैं और पार्टी उसपर अनाप-शनाप आरोप लगा रही है.


सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस और जेडीएस के 10 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं. कांग्रेस विधायक आनंद सिंह, बी नागेन्द्रा, उमेश जाधव, बीसी पाटिल मुम्बई पहुंच गए हैं. जबकि रमेश जारकीहोली, निर्दलीय आर शंकर आज मुम्बई पहुंच सकते हैं. इसके अलावा कांग्रेस, जेडीएस और निर्दलीय विधायक भी बीजेपी के संपर्क में हैं.


कल कांग्रेस नेता और पार्टी के लिए संकटमोचक माने जाने वाले डीके शिवकुमार ने कहा था, ‘‘राज्य में विधायकों की खरीद फरोख्त जारी है. हमारे तीन विधायक बीजेपी के कुछ विधायकों और नेताओं के साथ मुंबई के एक होटल में हैं. वहां क्या कुछ हुआ है उन्हें कितनी रकम की पेशकश की गई है, उससे हम अवगत हैं.’’


बैठकों का दौर
सियासी हलचल के बीच बीजेपी और कांग्रेस दोनों खेमों में बैठकें हो रही है. बेंगलुरू में आज कांग्रेस नेताओं की बैठक हुई. बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जी परमेश्वरा ने कहा कि बैठक आगामी बजट को लेकर बुलाई गई थी. हालांकि, उन्होंने कहा, ''बीजेपी के नेता कह रहे हैं कि सरकार गिर जाएगी. लेकिन ऐसा नहीं होगा. कुछ विधायक छुट्टियां मनाने गए हैं. किसी ने नहीं कहा है कि वे बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं और सरकार को अस्थितर करने जा रहे हैं. हमारे सभी विधायक पार्टी के साथ हैं.''





वहीं कांग्रेस के सहयोग से मुख्यमंत्री बने एचडी कुमारस्वामी ने कहा, ''सभी विधायक हमारे संपर्क में हैं. मुंबई जाने से पहलने उन्होंने मुझे बताया था. हमारी सरकार पर कोई खतरा नहीं है. मुझे पता है कि बीजेपी के कौन लोग विधायकों की खरीद-फरोख्त करने की कोशिश कर रहे हैं.''


कर्नाटक बीजेपी की भी आज दिल्ली में बैठक होगी. इस बैठक में कर्नाटक के सभी विधायक और प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा शिरकत करेंगे. बैठक में संभवत: सूबे के राजनीतिक हालात पर चर्चा होगी.


कांग्रेस के आरोपों को पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने खारिज किया है. उन्होंने कहा, ''तीन विधायकों से संपर्क की खबर झूठी है. यह कांग्रेस और जेडीएस के बीच का मामला है. हम उनके किसी भी विधायक के संपर्क में नहीं हैं. हम केवल अपने विधायकों के साथ हैं.''


क्यों कर्नाटक सरकार पर छाते रहे हैं संकट के बादल?
सूबे में किसी भी दल के पास पूर्व बहुमत नहीं है. कुल 224 सीटों में से बीजेपी के पास 104 विधायक हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 80 और जेडीएस ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की थी. सूबे में सरकार बनाने के लिए 113 सीटों की जरूरत होती है. विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद बीजेपी ने येदियुरप्पा के नेतृत्व में सरकार बना ली.



कांग्रेस ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. जिसके बाद येदियुरप्पा ने इस्तीफा दे दिया. कांग्रेस ने जेडीएस के साथ मिलकर सरकार बनाई. अधिक सीटें मिलने के बावजूद कांग्रेस ने जेडीएस के नेता एचडी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाया. जिसके बाद से सियासी उथल-पुथल की खबर आती रही है.