तेजस्वी ने हिमंत सरमा को बताया CM योगी का चाइनीज वर्जन तो BJP बोली- ‘सैम पित्रोदा की आत्मा घुस गई’
Tejashwi Yadav On Himanta Biswa Sarma: तेजस्वी यादव के बयान पर पलटवार करते हुए बीजेपी ने कहा कि वो INDIA गठबंधन का हिस्सा हैं क्या इस पर राहुल गांधी और गौरव गोगोई जवाब देंगे?
BJP Targeted Tejashwi Yadav: असम विधानसभा ने जुम्मा ब्रेक को रद्द कर दिया. मामले पर जमकर राजनीति भी हो रही है. विपक्षी दल मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर हमला भी कर रहे हैं. ऐसे में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने उनको उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का चाइनीज वर्जन करार दिया. आरजेडी नेता के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पलटवार किया है.
बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, "तेजस्वी यादव ने कहा कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा 'चीनी वर्जन' हैं. सिर्फ इसलिए कि उनका जन्म असम में हुआ है. क्या सैम पित्रोदा की आत्मा तेजस्वी यादव में प्रवेश कर गई है? संविधान का सम्मान नहीं करना और हर व्यक्ति का अपमान करना इंडी गठबंधन का चरित्र है."
‘क्या ये भारत को एकजुट करने वाली सोच है?’
बीजेपी नेता ने आगे कहा, "राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा पार्ट 2 की शुरुआत पूर्वोत्तर से ही की थी. उन्हें (राहुल गांधी को) बताना चाहिए कि क्या यह भारत को एकजुट करने वाला बयान है? इस पर राहुल गांधी और गौरव गोगोई को बताना चाहिए कि वे (कांग्रेस) आरजेडी से कब नाता तोड़ेंगे?"
क्या है पूरा मामला, समझिए?
दरअसल, असम विधानसभा ने बीते दिन शुक्रवार (30 अगस्त) को मुस्लिम सांसदों को नमाज अदा करने की अनुमति देने वाले दो घंटे के अवकाश को रद्द कर दिया. इस कदम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादवे ने कहा, "सस्ती लोकप्रियता हासिल करने और "योगी का चीनी संस्करण" बनने के प्रयास में, असम के मुख्यमंत्री जानबूझकर मुसलमानों को परेशान करने वाले कार्य करते रहते हैं."
‘विधानसभा के फैसले का मुस्लिम विधायकों ने किया विरोध’
वहीं, विधानसभा के फैसले का बचाव करते हुए हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि दो घंटे के जुम्मा अवकाश को खत्म करने का फैसला सदन में मौजूद सभी हिंदू और मुस्लिम विधायकों का फैसला था. उन्होंने आगे कहा कि जब विधानसभा अध्यक्ष ने फैसला सुनाया तो 25 मुस्लिम विधायकों में से किसी ने भी कोई विरोध नहीं जताया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस निर्णय की आलोचना केवल असम के बाहर हो रही है, जबकि राज्य के विधायकों ने देश के विकास के लिए काम करने की अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है.
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