BJP seeks apology from Congress: अपने वादों पर फंसी कांग्रेस, खरगे ने दी अपने नेताओं को नसीहत, तो बीजेपी बोली- राहुल गांधी को पढ़ाएं वो पाठ?
पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मल्लिकार्जुन खरगे की टिप्पणी को लेकर कहा कि कांग्रेस ने पहली बार स्वीकार किया है कि उनके चुनावी वादे जनता की आंखों में धूल झोंकने के लिए होते हैं.
BJP seeks apology from Congress: बीजेपी ने शुक्रवार (01 नवंबर) को कांग्रेस पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी को झूठे वादों के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए. पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस ने तेलंगाना, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश की जनता की आंखों में धूल झोंकने का काम किया है.
दरअसल, कर्नाटक में शक्ति गारंटी की समीक्षा किए जाने वाले एक बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने नेताओं को वही गारंटी देने की नसीहत देते हुए कहा था कि जिसे पूरा न किया जा सके, ऐसे वादे नहीं करो. इस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस नेतृत्व से माफी की मांग करते हुए कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता की ओर से स्वीकार किया गया है कि इस तरह की लापरवाही से घोषणाएं नहीं की जानी चाहिए. क्या उन्होंने यह ज्ञान राहुल गांधी को दिया है, जैसा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अक्सर लोगों को खटाखट-खटाखट तुरंत मनी ट्रांसफर करने का दावा करते हैं.
'क्या राहुल गांधी को भी देंगे ये नसीहत'
पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे ने कई चीजों को स्वीकार कर लिया है. उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि खरगे ने जो बोला है, क्या वह राहुल गांधी को बताए हैं. उन्होंने हिमाचल का जिक्र करते हुए कहा कि वहां कांग्रेस ने कई सारे वादे किए थे. अब वहां के मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि सैलरी बाद में ले लेना.
कर्नाटक का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहां पांच गारंटियों की घोषणा की गई थी, लेकिन पूरा हुआ क्या. वहां अब फ्री बस की समीक्षा करने की बात कही जा रही है. हमने 11 करोड़ किसानों को 6-6 हजार रुपये देने का वादा दिया था तो उसे हमने पूरा कर के दिखाया. चाहे 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज देना हो या विभिन्न राज्यों में महिलाओं के लिए कल्याणकारी योजना हों, भाजपा जो कहती है, उसे पूरा करती रही है.
क्या कहा था कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने?
मल्लिकार्जुन खरगे ने गुरुवार को कहा था कि कांग्रेस की चुनावी गारंटी जहां वह सत्ता में है, उन राज्यों में वित्तीय बाधा उत्पन्न कर रही है. पार्टी की राज्य इकाइयों को केवल उन्हीं गारंटियों का वादा करना चाहिए, जो ‘वित्तीय रूप से संभव’ हों.
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