नई दिल्लीः संसद के बजट सत्र के दूसरे भाग का आज 16वां दिन था लेकिन अबतक इसमें रत्तीभर भी काम नहीं हो सका है. लगातार जारी गतिरोध को देखते हुए अब ऐसी आशंका होने लगी है कि 6 अप्रैल तक चलने वाला ये पूरा सत्र ही कहीं हंगामें की भेंट न चढ़ जाए. संसद नहीं चलने के लिए सत्तापक्ष और विपक्ष एक दूसरे को ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं लेकिन संसद के गतिरोध ने अब बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी को परेशान कर दिया है .


भावुक हुए आडवाणी
आज भी हंगामें के चलते लोकसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई. कार्यवाही स्थगित होने के बाद लाल कृष्ण आडवाणी सदन में मौजूद कई बीजेपी सांसदों को एक एक कर बुला कर पूछने लगे कि आख़िर सदन में हो क्या रहा है. आडवाणी ने सबसे पूछा, " ऐसा आख़िर कबतक चलेगा?'' इतना ही नहीं आडवाणी अपनी सीट से उठकर दूसरे सांसदों की सीट पर भी गए. भाजपा की एक महिला सांसद से आडवाणी ने कहा, '' ऐसा तो पहले कभी हुआ ही नहीं था,ऐसे में लोकतंत्र कैसे बचेगा? '' महिला सांसद के अनुसार इतना कहते ही आडवाणी की आंखों से आंसु छलक पड़े.


पहले भी जता चुके हैं नाराज़गी
लाल कृष्ण आडवाणी पहले भी कई मौक़ों पर संसद में गतिरोध को लेकर नाराज़गी जता चुके हैं. 2016 के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में हंगामें पर आडवाणी ने संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार को कड़े शब्दों में पूछा था कि आख़िर सदन चला कौन रहा है. 90 साल के आडवाणी इस क़दर नाराज़ हुए थे कि उन्होंने इस्तीफ़ा देने का इरादा तक जताते हुए कहा था कि अगर अटल बिहारी वाजपेयी संसद में होते तो उन्हें काफ़ी दुख होता.


शुरूआत से ही जारी है हंगामा
5 मार्च को जब बजट सत्र का दूसरा भाग शुरू हुआ तब पीएनबी घोटाले को लेकर पहले से ही विपक्ष ने सरकार को घेरने का मन बना लिया था. इस मसले पर विपक्ष की चर्चा की मांग सरकार ने स्वीकार भी कर लिया लेकिन आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्ज़ा ज़्यादा बड़ा मसला बन गया. राज्य में सत्तारूढ़ टीडीपी और मुख्य विपक्षी दल वाईएसआर कांग्रेस ने राजनीतिक फ़ायदा उठाने की होड़ हंगामा कर संसद नहीं चलने दिया. इस मुद्दे पर टीडीपी ने न सिर्फ़ मोदी सरकार में शामिल अपने दोनों मंत्रियों का इस्तीफ़ा करवा दिया बल्कि एनडीए से नाता तोड़ने का भी ऐलान कर दिया. बाद में कावेरी जल बंटवारे पर एआईएडीएमके और आरक्षण के मसले पर टीआरएस भी हंगामा करने वालों की टोली में शामिल हो गई .


सत्तापक्ष और विपक्ष में नहीं बन रही बात
सरकार और विपक्ष के बीच संसद के गतिरोध को ख़त्म करने के लिए बातचीत तो हो रही है लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल पाया है. ख़ुद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडु ने गतिरोध तोड़ने के लिए दो बार सर्वदलीय बैठक भी बुलाई पर बात नहीं बन पाई. सरकार और विपक्ष एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं . संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार रोज़ ये दोहराते हैं कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है तो कांग्रेस और विपक्ष सरकार पर जानबूझकर संसद नहीं चलाने का आरोप लगाती है.